24 लाख रूपए की लागत से बनी पानी टंकी बिना उपयोग के ढहने की कागार पर, ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने सरपंच ने की प्रशासन से मांग

लामता. तहसील के नगरवाड़ा पंचायत में वर्ष 2015 में पीएचई विभाग द्वारा निविदा निकालकर ठेकेदार के मार्फत से पानी टंकी का निर्माण कार्य कराया गया था. ग्रामीणों की मानें तो ठेकेदार द्वारा गुणवत्तविहीन मटेरियल से निर्माण कार्य कराया गया था. जिस कारण पानी टंकी से पानी रिसता रहा और 8 वर्षो में ही पानी टंकी की पायरी, तूफान में टूट गई. यही नहीं बल्कि ठेकेदार को ग्राम में पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाकर, 170 मकानों में कनेक्शन देना था परंतु ठेकेदार द्वारा कोई काम नहीं किया गया. यही कारण है कि आज भी ग्रामीणों को हैंडपंप, कुंए, नदी और तालाब के पानी पर निर्भर है.  सूत्रो की मानें तो पीएचई विभागो के वरिष्ठ अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदार ने, शासन को लाखो रुपए का चूना लगा दिया. ग्रामीणो को नल-जल देना तो दूर, ग्रामीण जनता आज भी पीने के पानी के लिए तरस रही है. बावजूद इसके, शासन प्रशासन द्वारा ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड नही किया जाना समझ से परे है.

ग्रामीणों ने बताया की शीघ्र ही पानी टंकी को नहीं तुड़वाया गया तो कोई भी अप्रिय घटना के घटित होने की आशंका हैं. इसलिए शासन, प्रशासन जितना जल्दी, जर्जर हा हो रही टंकी को डिस्मेंटल कर दे, तो हादसे को टाला जा सकता है. चूंकि टंकी के पास से ही प्रतिदिन ग्रामीणों का आना जाना, पंचायत भवन में बना रहता है. चूंकि मौसम-परिवर्तन के चलते, जिले में आंधी-तूफान और बारिश का मौसम, बेसमय बन जाता है. यदि किसी भारी आंधी भरी हवा-तूफान में पानी की पायरी की तरह टंकी टूटती है तो पूरा पंचायत भवन तहस नहस हो जायेगा और कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है. इस मामले में सरपंच चंद्रकांत राहंगडाले ने बताया की पानी टंकी का निर्माण वर्ष 2015 में किया गया था. ठेकेदार द्वारा गुणवताहीन मेटेरियल का उपयोग कर निर्माण कराया गया था. ठेकेदार द्वारा गांव में पाइप लाइन भी नही बिछाई गई. न ही गांव में किसी को नल कनेक्शन दिया गया. पानी के लिए जो बोर कराया गया था. उसमे भी पानी नही निकला था. जिसके कारण बिना उपयोग किए पानी टंकी, समय के साथ जर्जर होकर गिरने की कागार पर आ गई है. पानी टंकी का गुणवत्तीहीन निर्माण और नल-जल योजना में लापरवाही किए जाने पर ना केवल ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेट किया जाए बल्कि इस मामले में जिम्मेदारों से लागत राशि वसुल कर पंचायत में दूसरी टंकी का निर्माण कराया जाए.


Web Title : WATER TANK BUILT AT A COST OF RS 24 LAKH IS ON THE VERGE OF COLLAPSE WITHOUT USE, SARPANCH DEMANDS ADMINISTRATION TO BLACKLIST CONTRACTOR