दूसरे की बोई फसल पर अपनी नेतागिरी चमकाने वाले क्या जाने संघर्ष क्या होता है, युवा नेत्री मौसम की फेसबुक पोस्ट पर हो रही चर्चा, भाजपा में सांसद चुनाव के बाद हो रही गुटबाजी

बालाघाट. जिले मंे सांसद निर्वाचन के बाद भाजपा की राजनीति अलग करवट ले रही है, ऐसा दिखाई और सुनाई दे रहा है, जिसमें सीधे तौर पर नहीं लेकिन कहानी और घटनाओं से भाजपाई ही एकदूसरे पर हमला करने में लगे है. विगत दिनों लालबर्रा कॉलेज में सांसद निर्वाचित होने के बाद सम्मान समारोह कार्यक्रम में पहुंची सांसद भारती पारधी ने जो कुछ कहा, वह सबने सुना. जिसके बाद गत दिनों सांसद के अभिनंदन समारोह में पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने ताकतवर और उसके मित्र की कहानी से गागर में सागर भरने वाली बात कह दी. जिसको लेकर भी खासी चर्चा हुई. भाजपा में गुटबाजी हमेशा से रही है, यह जरूर था कि वह खुलकर सामने नही दिखाई नहीं देती थी लेकिन सांसद निर्वाचन के बाद, भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी अब खुलकर सामने आने लगी है. नेता एकदूसरे पर जुबानी हमला कर रहे है.   ऐसे मंे एक शब्द संघर्ष, बड़ा ट्रेंड हो रहा है. जो लगभग हर नेताओं के भाषण और पोस्ट पर दिखाई दे रहा है. नेता, साफगोई से तो नहीं बोल पा रहे है, लेकिन बयानों और पोस्ट से एकदूसरे पर हमला करना भी नहीं छोड़ रहे है.  सोमवार को भाजपा युवा नेत्री मौसम की मौसम बिसेन के नाम से सोशल मीडिया फेसबुक पर की गई पोस्ट, एक तीर से कई निशाने कर रही है.  

पहले आपको बता देते है कि उन्होंने अपनी फेसबुक पेज पर क्या लिखा है ‘‘ विगत दो दिनों से समाचार पत्रों के कुछ अंश पढ़कर सहसा ही मुझे एक कहनी स्मरण होती है. एक पुरानी कहानी है, एक श्वान बैलगाड़ी के नीचे नीचे चल रहा था,उसे गुमान था कि यह गाड़ी मेरी वजह से चल रही है. श्वान ने सोचा, थोडा सुस्ता लू पर बैलगाड़ी नहीं रुकी, चलती रही. तब उस श्वान को अपनी औकात का अहसास हुआ.  यही हाल लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ लोगों का है, उन्हें लगता है कि वही इस संघर्ष के कर्णधार हैं. जनता ने ‘‘मोदीजी को अपना आशीर्वाद दिया है’’ यह जीत पूर्णतः ‘‘मोदीजी और भाजपा की जीत है. हमारे सम्मानीय को जो नीचे दिखाना चाहेगा उन्हें कहना चाहते है, कि सूरज पर थूकने वालों का थूक उल्टा थूकने वालों के मुख पर ही आकर गिरता है, ये ध्यान रहे. ! दूसरे की बोई फसल पर अपनी नेतागीरी चमकाने वाले क्या जाने आखिर संघर्ष क्या होता है. ’’ इस पोस्ट में यह साफ है कि सांसद निर्वाचन के बाद बनी परिस्थिति पर यह पोस्ट की गई है और यह सीधे तौर से उन लोगों के लिए है, जो मानते कि प्रत्याशी के संघर्ष और उनकी मेहनत से भाजपा की जीत हुई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा की राजनीति में सब-कुछ अच्छा नहीं चल रहा है और भाजपा की गुटीय राजनीति, अब खुलकर सामने आ गई हैं, जिसका भविष्य में क्या परिणाम होगा? यह देखना होगा, लेकिन भाजपा में मची इस आपस की खींचतान का कांग्रेसी जमकर मचा ले रहे है.


Web Title : WHAT IS THE STRUGGLE OF THOSE WHO SHINE THEIR LEADERSHIP ON OTHERS SOWN CROP, DISCUSSION ON FACEBOOK POST OF YOUNG LEADER MAUSAM, FACTIONALISM IN BJP AFTER MP ELECTION