काम बंद हड़ताल पर गये महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक, योजनाओं पर पड़ा सीधा असर

बालाघाट. प्रदेश में शासन की महिला एवं बच्चों से जुड़ी योजनाओं को निचले स्तर पर क्रियान्वित करने वाले महिला एवं बाल विकास का पूरा अमला काम बंद हड़ताल पर चला गया है. हालांकि जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका अपने संगठन बैनर तले हड़ताल पर है, वहीं संयुक्त मोचो के माध्यम से परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक भी हड़ताल पर चले गये है. जिससे शासन की लाडली लक्ष्मी योजना, लाडली बहना योजना, मातृवंदन योजना, पोषण आहार सहित महिला एवं बाल विकास से क्रियान्वित होने वाली योजनाओं पर हड़ताल से सीधा असर पड़ा है.  संयुक्त मोर्चा के बैनर तले महिला एवं बाल विकास विभाग प्रभारी वंदना धुमकेती को शासन के नाम वेतन विसंगति को दूर करने, पदोन्नति, समयमान वेतनमान और संविदा कर्मियों को नियमित किये जाने की मांग रखी गई.  

संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष कटंगी परियोजना अधिकारी ने बताया कि सभी प्रांतीय संगठन के आव्हान पर जिले के सभी परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक, काम बंद करके सामूहिक अवकाश पर चले गये है. हमने अपनी वेतन विसंगति, पदोन्नति, समयमान वेतनमान का ज्ञापन दिया है. सरकार से उम्मीद है कि वह हमारी मांगो का निराकरण करेगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हमारे सामूहिक अवकाश पर चले जाने से शासन की महिला एवं बाल विकास से संबंधित क्रियान्वित होने वाली योजनाओं पर इसका सीधा असर पड़ा है. यदि सरकार मांगे नहीं मानती है तो प्रांतीय निर्देश पर आगामी रणनीति पर विचार किया जायेगा.  

पर्यवेक्षक श्रीमती लता वर्मा ने बताया कि अन्य विभागो के समान कैडर के कर्मियों को 42 सौ रूपये ग्रेड-पे का वेतन मिल रहा है, जबकि हमें 24 सौ ग्रेड-पे ही वेतन दिया जा रहा है. वहीं सालों से काम करने क बाद भी हमें पदोन्नति नहीं दी जा रही है. नियमानुसार समयमान वेतनमान का लाभ भी हमें नहीं मिल रहा है. वहीं लंबे समय से संविदा पर नियुक्त पर्यवेक्षक बहनों, आज भी संविदा पर काम कर रही है. जिसे देखते हुए वेतन विसंगति को दूर करने, पदोन्नति, समयमान वेतनमान और संविदा बहनों को नियमित करने की मांग, शासन से की गई है.


Web Title : WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT PROJECT OFFICERS AND SUPERVISORS GO ON STRIKE, DIRECT IMPACT ON SCHEMES