डॉक्टरों के बाद सदर अस्पताल के कर्मियों ने किया ड्यूटी रोस्टर का विरोध

धनबाद:  डॉक्टरों के बाद सदर अस्पताल के कर्मचारियों ने भी अपने नए ड्यूटी रोस्टर का विरोध कर दिया. इन्हें 12-12 घंटे की डयूटी लगा दी गई थी.   ड्यूटी रोस्टर जारी होते ही कर्मचारियों ने कम बंद कर दिया. सभी एकजुट होकर सदर के नोडल ऑफिसर डॉ राजकुमार सिंह के चैंबर में जमा हो गए और इसका विरोध करने लगे. कर्मचारियों के विरोध की सूचना पर सिविल सर्जन ने पुराने रोस्टर से ड्यूटी करवाने का निर्देश दिया. इसके बाद कर्मी शांत हुए और काम पर वापस लौटे. इधर नए ड्यूटी रोस्टर लागू नहीं किए जाने से नाराज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजीव कुमार ने अपने को इस पद से हटाने के लिए सिविल सर्जन को पत्र दे दिया है.

  बता दें कि पिछले दिनों उपाधीक्षक द्वारा डॉक्टरों के लिए नया ड्यूटी रोस्टर बनाया गया था. सभी डॉक्टरों ने नए रोस्टर में कमियां गिनाते हुए उसका विरोध शुरू कर दिया था. उनका कहना था कि डॉक्टरों को एक-एक दिन में 12-12 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है. इस विरोध के कारण डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर बदल दिया गया. इसके बाद सदर अस्पताल के कर्मचारियों का नया ड्यूटी रोस्टर जारी किया गया. इसमें भी कर्मचारियों को 12-12 घंटे की ड्यूटी लगा दी गई थी. नए रोस्टर को देख कर्मचारी आक्रोशित हो गए. काम बंद कर नोडल ऑफिसर के चैंबर में पहुंचे और नए रोस्टर का विरोध करना शुरू कर दिया. इस विरोध को देखते हुए नए रोस्टर को स्थगित करते हुए पुराने रोस्टर से ही ड्यूटी करने का निर्देश दिया गया.

डॉक्टरों के बाद कर्मचारियों द्वारा किए गए नए रोस्टर के विरोध और इसे बदले जाने से नाराज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजीव कुमार ने सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को सदर अस्पताल के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया है. डॉ संजीव के अनुसार उनके कार्यों को लेकर लगातार गतिरोध हो रहा है. यह ठीक नहीं है. उनका प्रयास अस्पताल को बेहतर रूप से चलाना और मरीजों तक उसका पूरा लाभ पहुंचाना था. 29 सितंबर को एसीएस ने निरीक्षण के दौरान सदर की व्यवस्था सुधारने और इसे ठीक से संचालित करने का टास्क दिया गया था. इसके बाद मुझे प्रभार दिया गया. अक्तूबर में यहां 25 डिलीवरी हुई थी. यह बढ़कर 100 पर पहुंच गई है. इन दो महीनों में मेरे कार्यों को लेकर कई बार विरोध हुआ. इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए मेरा पद छोड़ना जरूरी है. इसलिए मैंने सिविल सर्जन से सदर अस्पताल के कार्य से मुक्त करने का आग्रह किया है.

डॉ संजीव कुमार ने सिविल सर्जन को भेजे गए अपने पत्र में सदर अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ राजकुमार सिंह पर कई आरोप लगाया है. कहा है कि उनके निर्देश का नोडल पदाधिकारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विरोध करते हैं. डॉ संजीव ने डॉ राजकुमार पर कर्मचारियों को बहिष्कार के लिए प्रेरित करने का भी आरोप लगाया है. कहा है कि नोडल ऑफिसर दावा करते हैं कि सदर अस्पताल को चलाने के लिए प्रशासनिक अधिकार उनके पद में निहित है और अस्पताल के लिए उनसे निर्देश लिए जाएं. इससे कर्मचारी भी दुविधा में रहते हैं.