जीटा के वेबीनार में हुई चर्चा: लॉकडाउन से उद्योगों का क्या आहत और कैसे हो राहत !

धनबाद: झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन की वेबीनार बुधवार को आयोजित हुई. लॉकडाउन की वजह से ऑनलाइन जुटे उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों की बैठक का मूल विषय कोरोना महामारी एवं इसके पश्चात लॉकडाउन से उद्योग व व्यवसाय के क्षेत्र में पड़ने वाले प्रभाव तथा इससे उबरने को सरकार को दिए जा रहे सुझावों पर चर्चा हुई.

आखिर कैसे हो कर्मचारियों का भुगतान, कैसे होगी सरकारी फीस की अदायगी 

वेबीनार के संयोजक और जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने बताया कि सबसे पहले उद्योग और व्यवसाय पर जो प्रमुख संकट आए हैं, उनपर पर चर्चा हुई. इनमें बिजली के फिक्स चार्जेज पेमेंट का संकट, कर्मचारियों के भुगतान की समस्या, मॉल, मार्केट, किराए पर चलने वाले उद्योग-व्यवसाय-गोदाम के भाड़े का संकट, सरकारी लाइसेंस-फीस पेमेंट (फैक्ट्री लाइसेंस, मानक ब्यूरो लाइसेंस, प्रदूषण का कंसेट टू इस्टैब्लिश एवं कंसेंट टू ऑपरेट), बैंक के ब्याज, किस्त और बैंकिंग खर्चों की परेशानी, रियल इस्टेट की दिक्कतें आदि पर गहन चर्चा हुई.  

सुझाव, जो दिखा रहे हैं लॉक डाउन के अंधकारपूर्ण रास्तों में सहूलियत की रोशनी 

वेबीनार में सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए. इसमें वर्किंग कैपिटल या टर्म लोन में लॉकडाउन अवधि में किसी भी प्रकार के ब्याज से पूरी छूट हो, लॉकडाउन के पश्चात अगले एक वर्ष तक 3% की दर से टर्म लोन एवं कैश क्रेडिट पर ब्याज लगे, एनपीए की वर्तमान सीमा तीन महीने से बढ़ाकर एक वर्ष की जाए, माल-दुकान-उद्योग-प्राइवेट गोडाउन पर लॉकडाउन की अवधि के भाड़े को माफ किया जाय, हाउसिंग लोन ब्याज पर लॉकडाउन की अवधि का ब्याज माफ किया जाय, लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को विभिन्न सेस में जमा रकम को न्यूनतम ब्याज पर उपलब्ध कराया जाय जैसे सुझाव शामिल रहे.  

रियल एस्टेट के कारोबार में ये मिले राहत 

वेबीनार में रियल एस्टेट के कारोबार को लॉकडाउन की मार के बाद क्या राहत मिलनी चाहिए, इस पर भी चर्चा हुई. स्टाम्प ड्यूटी को कम करना, साल भर के लिए बिल्डर रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ किया जाए, नक्शे पास करने के शुल्क को माफ किया जाय, जीएसटी की दर कम करने के साथ-साथ इसपर इनपुट क्रेडिट दिया जाए, पुराने लंबित मामलों जैसे गैर-आबाद भूमि का मसला कैम्प इत्यादि के माध्यम से निपटारा किया जाय, स्टाफ पेमेंट या अन्य खर्चों तथा उद्योग के लिए संबंधित बैंक तत्काल आवश्यकतानुसार ब्याजमुक्त ओवरड्राफ्ट जारी करे, जापान की तर्ज पर चीन में लगे भारतीय उद्योगपतियों के उद्योगों को भारत में वापस लाने के लिए भारत सरकार तत्काल पैकेज की घोषणा करे जैसे सुझाव शामिल हैं.

पीएमओ से लेकर आरबीआइ तक भेजी जाएगी वेबीनार की रिपोर्ट

राजीव शर्मा ने बताया कि वेबीनार में सदस्यों से मिले सुझावों एवं सलाहों को कंपाइसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, इसे प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा.

वेबीनार में ये थे सम्मिलित 

जीटा अध्यक्ष अमितेश सहाय, सुशील सिंह, नंदलाल अग्रवाल, विशाल प्रसाद, मैनेजर राय, हर्षल सिंह, विशाल प्रसाद, गोपाल कटेसरिया, महेंद्र अग्रवाल, अक्षत शर्मा, उमेश हेलिवाल एवं 40-45 उद्योगपति व  व्यवसायी शामिल हुए.