ईसीएल कर्मी को फर्जी गांजा तस्कर बता जेल भेजने के मामले की जांच पूरी, तीन गिरफ्तार, गिर सकती है वरीय अधिकारी पर भी गाज

धनबादः धनबाद में ईसीएल (ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) कर्मी को गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने के मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. इस मामले में सीआइडी ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए तीन साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए लोगों में नीरज कुमार तिवारी, रवि कुमार ठाकुर और सुनील कुमार चौधरी शामिल है. इन तीनों की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आयी है.

सौंपी जाएगी सीआइडी के एडीजी को जांच रिपोर्ट 

इस मामले की जांच कर रही सीआइडी की जांच टीम के द्वारा जल्द ही सीआइडी के एडीजी को इसकी जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इस घटना में शामिल बड़े अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है. मिली जानकारी के अनुसार, सीआइडी जांच में पूछताछ के दौरान निरसा के एसडीपीओ व निरसा के सस्पेंड इंस्पेक्टर उमेश सिंह ने कहा है कि एसएसपी के निर्देश पर रेड की गयी थी.

20 मई को कांड की जांच का जिम्मा सीआइडी ने लिया था

गांजा तस्करी के फर्जी मामले में निर्दोष ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को धनबाद पुलिस ने जेल भेज दिया था. 20 मई को इस कांड की जांच का प्रभार तत्काल प्रभाव से सीआइडी ने अपने जिम्मे ले लिया था. मामले में धनबाद के पुलिस अफसरों पर आरोप है कि किसी के कहने पर ईसीएल कर्मी को फर्जी मामले में फंसाया गया था.

क्या है पूरा मामला

25 अगस्त, 2019 को धनबाद के निरसा में पुलिस ने एक सेवरले गाड़ी से 39 किलो व 300 ग्राम गांजा बरामद किया था. इस मामले में धनबाद पुलिस ने ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को गांजा तस्करी का किंगपिन बताते हुए आरोपी बनाया था.

धनबाद पुलिस ने इस मामले में चिरंजीत को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था. चिरंजीत के जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी ने तत्कालीन डीजीपी केएन चौबे समेत राज्य पुलिस के अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगायी थी.

हेडक्वार्टर की जांच में खुली थी पुलिस की पोल 

चिरंजीत की पत्नी के मुताबिक, उसके पति को बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने साजिश कर फंसाया था. जिसके बाद मुख्यालय स्तर से मामले की जांच करायी गयी. जांच में यह साबित हुआ था कि चिरंजीत को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेजा गया था. पुलिस ने पोल खुलने के बाद कोर्ट में तथ्यों की भूल बताते हुए चिरंजीत को रिहा कराया था.