वेतन समझौता से इंटक को बाहर रखना मजदूरों के साथ धोखाधड़ी

धनबाद:   ओडिशा के पुरी में कोयला मजदूर खान फेडरेशन का 32वां अधिवेशन  शुरू हुआ. इंटक नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कोयला वेतन समझौता से इंटक को बाहर रखना मजदूरों के साथ धोखाधड़ी है. 11वें वेतन समझौते को लेकर जो स्थिति बन रही है, उससे लगता है कि कोयला मजदूरों का हाथ खाली रहेगा.

तीन दिन अधिवेशन का उदघाटन मुख्य अतिथि रामचंद्र खुटिया पूर्व सांसद और ओडिशा इंटक के अध्यक्ष ने किया. उन्होंने कहा कि मजदूरों का हक तभी मिलेगा, जब केंद्र से मजदूर विरोधी सरकार सत्ता से बाहर होगी. कार्यक्रम में उपाध्यक्ष आरसीएमयू के महामंत्री एके झा ने विस्तार से कोयला खदानों की बदहाली और मजदूरों के हक नहीं मिलने पर चर्चा की. झा ने कहा कि जिस उम्मीद से इंदिरा गांधी ने कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया, उसके उलट मौजूदा सरकार कोयला को निजी हाथों में दे रही है. कार्यक्रम में फेडरेशन के उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, सौभाग्य प्रमुख, रामप्रीत प्रसाद, वीरेंद्र अंबष्ट, केपी शर्मा, संतोष महतो, एसएस जाना, चंडी बनर्जी, राम अवतार आदि मौजूद थे. अध्यक्षता वरीय उपाध्यक्ष गिरजा शंकर पांडे ने किया.