धनबाद को प्रदूषण मुक्त बनाने पर रांची में हुआ मंथन, बीसीसीएल को मिले कड़े निर्देश, अनुपालन नहीं होने पर लगेगा जुर्माना

रांची /धनबाद : मंगलवार को रांची नेपाल हाउस स्थित सभागार में आहूत झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद बोर्ड की बैठक एके रस्तोगी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. बैठक में धनबाद को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में मंथन हुआ. धनबाद में प्रदूषण के भयावह स्थिति के लिए बीसीसीएल को जिम्मेवार ठहराया गया. बैठक में बीसीसीएल को कड़े निर्देश मिले है. नियमो का सही से अनुपालन नहीं होने की स्थिति में सम्बंधित एरिया के जिम्मेवार पदाधिकारी से प्रतिदिन की दर से 30 से 60 हजार ऱु फाइन वसूलने की चेतावनी दी गई. 5 जुलाई को होने वाली बोर्ड की अगली बैठक में समयबद्ध कार्य की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश बीसीसीएल को मिला. धनबाद में प्रदूषण की जानकारी हेतु सभी क्षेत्रों में आरटीएम्एस स्थापित करने का निर्णय लिया गया. बोर्ड अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत धनबाद नगर निगम को दो मैकेनिकल डस्ट कलेक्टर मुहैया कराया जा रहा है. जिससे धनबाद में सड़कों पर से धूल कणों को उठाया जा सकेगा. इसके अलावा बीसीसीएल अपने खनन क्षेत्रों के अलावा महत्वपूर्ण छह जगहों पर स्थाई स्प्लिनकर अथवा फाउंटेन की स्थापना करेगा. बैठक में जेएसपीसीबी बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी, सदस्य- राजीव शर्मा, कोयला मंत्रालय से पंकज कुमार, बीसीसीएल सीएमडी शेखर शरन, निदेशक (तकनीकी) श्री प्रसाद, महाप्रबंधक (पर्यावरण), एवं विभिन्न क्षेत्रों के महाप्रबंधक तथा अन्य पदाधिकारी समेत झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति से अशोक अग्रवाल, ज़िला चैम्बर से दीपक कुमार दीपू, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल पांडेय, बिनय सिंह, अभिषेक सिंह, पूर्व पार्षद, अनूप साव, कतरास गोशाला से सुरेंद्र अग्रवाल, लाइफ संस्था से  मनोज सिंह उपस्थित थे. बैठक की शुरुवात में बीसीसीएल की तरफ से धनबाद में प्रदूषण में सुधार हेतु किये जा रहे कार्यों की जानकारी देने का उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध करते हुए बताया कि धनबाद की धरा के साथ अन्याय हुआ है. बीसीसीएल प्रदूषण के मानकों का पुरी तरह से  उल्लंघन कर रही है. जगह -जगह कोयले के उत्खनन से लेकर सड़क मार्ग से ढुलाई में किसी भी तरह के मानक का पालन नहीं किया जा रहा है. धनबाद की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, रोज बेतरतीब से चलते वाहनों से दुर्घटना से मृतकों की बढ़ती संख्या तथा इससे उत्पन्न कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में बताया. बताया गया कि कोयले की आंतरिक ढुलाई बगैर तिरपाल के या बगैर ढके की जाती है. जले कोयले की राख को 100 ft ऊंचे OB के ऊपर ही डाल दिया जाता है, जिससे धूल भरे बादल भर जाते हैं. परमानेंट वाटर स्प्रिंकलर कहीं नजर नहीं आते हैं. मोबाइल स्प्रिंकलर की व्यवस्था ध्वस्त है. परियोजना स्थल पर पेड़ों को ध्वस्त कर दिया जाता है लेकिन नए पेड़ भी लगाए नहीं जाते हैं. प्रदूषण विभाग जिम्मेदारी तय करे एवं कॉम्प्लाइन्स नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई करे. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के बोर्ड सदस्य राजीव शर्मा ने बीसीसीएल के क्षेत्र में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य के विषय में बीसीसीएल द्वारा किये गए अध्ययन के विषय जानकारी मांगते हुए टीबी, फेफड़े के कैंसर, ब्लड कैंसर, बीपी, किडनी सम्बंधित बीमारी में बीसीसीएल द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया और यह कहा कि अपने क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच और समुचित इलाज की व्यवस्था समय-समय पर करे. इसके  साथ रोटरी,लायंस क्लब,  चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं तथा आम नागरिकों को जोड़कर बड़े स्तर पर  पेड़ लगाने का अभियान शुरू करे.