जेएमएम के पार्टी सिंबल पर लगे रोक, जेडीयू भारत निर्वाचन आयोग को देगी प्रस्ताव : सालखन मुर्मू

धनबाद. पार्टी चुनाह चिन्ह को लेकर जेएमएम, जदयू आमने सामने है. जेएमएम के बाद अब जेडीयू भी जेएमएम के तीर धनुष चुनाव चिन्ह पर आपत्ति दर्ज कर रही है. बुधवार को सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने स्पष्ट किया कि जेडीयू भी जेएमएम के पार्टी सिंबल को फ्रिज करने का प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को देगी.

तीर -धनुष आदिवासियों की संस्कृति से जुड़ा है :

उन्होंने कहा तीर धनुष आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति का प्रतीक है. इसे जेएमएम अपना पार्टी सिंबल बनाकर उन आदिवासियों को गुमराह कर रही है.

ट्रैक्टर चलाता किसान चिन्ह भेजा गया है प्रस्ताव :

उन्होंने कहा जेएमएम के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए भारत निर्वाचन आयोग जेडीयू के पार्टी सिंबल तीर चुनाव चिन्ह पर रोक लगा दी है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को ट्रैक्टर चलाता किसान चुनाव चिन्ह का प्रस्ताव दिया है. निर्वाचन आयोग इस चिन्ह को एप्रुप करती है तो जेडीयू इसी के साथ झारखण्ड़ विधान सभा चुनाव में जाएगी.

7 को रांची में प्रदेश स्तरीय बैठक :

उन्होंने कहा चुनाव की रणनीति पर आगामी 7 सितम्बर को रांची में पार्टी के प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गई है. बैठक में विशेष रूप से बिहार के मुख्यमंत्री सह जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार उपस्थित रहेंगे.

नीतीश मॉडल के पांच मंत्र :

जेडीयू झारखण्ड़ में विकल्प देना चाहती है. झारखण्ड़ में जेडीयू नीतीश मॉडल को स्थापित करेगी. सुशासन, न्याय के साथ विकास, महिला सशक्तिकरण, शराबबंदी एवं जनकल्याण नीतीश मॉडल के पांच मन्त्र है.

अजीब विडम्बना है. झारखण्ड़ प्रदेश बने 19 साल हो चुके है. पक्ष विपक्ष के रूप में जेएमएम और बीजेपी ने बारी बारी यहाँ शासन किया. मगर झारखण्ड़ की आदिवासी मूलवासी जनता को अपने सपनो का झारखण्ड़ नही मिला.