पंचेत हाईडल की उद्घाटन कर्ता बुधनी मंझियान का निधन, पार्थिव शरीर को दिया सम्मान

निरसा(बंटी झा) :  कहते हैं कि आज के दिखावटी की दुनिया में अगर आपको जीते जी सम्मान ना मिला तो निश्चित रूप से आपके मारने के बाद आपको सम्मान जरूर मिलेगा   इस दिखावटी युग में.


  ठीक इसी प्रकार बुधनी मांझी की कहानी है

दरअसल बुधनी मांझी का निधन शुक्रवार की रात पंचेत के हिल अस्पताल में हो गई. बुधनी माझी लंबे समय से बीमार चल रही थी.


आपको बताते चले कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु

धनबाद के पंचेत डैम का 6 दिसंबर 1959 को पंचेत की रहने वाली बुधनी मंझियाइन के हाथों हाईडल का सिव्च दबवा कर पंचेत डैम के उद्घाटन करावाया था, पंडित नेहरू को बुधनी मांझीयाइन को माला पहनकर स्वागत किया था. इसके बाद समाज के लोगों ने बुधनी मांझी को समाज से बहिष्कार कर दिया और बुधनी मांझीयाइन समाज से अलग रहने लगी. और बुधनी  पश्चिम बंगाल के सालतोड़ा चल गई जहा बुधनी ने सुनील दत्त नामक व्यक्ति से विवाह कर लिया.



बुधनी अपने भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं उनके एक पुत्री भी है. बुधनी मझियांइन के निधन के बाद दामोदर घाटी निगम, सीआईसीएफ एव स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों द्वारा बड़े ही सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी हैं और उनके पार्थिम शरीर को पूरे पंचेत में भृमण कराया गया सभी के आँखे नम थे और सीआईएसएफ के जवान ने उनके पार्थिम शरीर पर पुष्प अर्पित करते हुए सलामी दी.