बिजली कामगार निजीकरण के विरोध में 8 अगस्त से 72 घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर जाएंगे

धनबाद. झारखण्ड़ राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले शनिवार को बिजली कर्मचारियो ने निजीकरण के विरोध में काला बिल्ला लगाकर धनबाद प्रमंडल कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे यूनियन के प्रदेश महामंत्री राम कृष्णा सिंह ने कहा कि निजीकरण के खिलाफ एक बार फिर से आंदोलन का बिगुल बजा दिया गया है. एक अगस्त से 7 अगस्त तक राज्यव्यापी असहयोग आंदोलन चलेगा. जिसमे कर्मचारी विभाग को किसी प्रकार से सहयोग नही करेंगे. वही 8 से 10 अगस्त तक 72 घंटे का सांकेतिक हड़ताल राज्यभर में किया जाएगा. उन्होंने कहा झारखण्ड़ सरकार बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौपना चाहती है. दरअसल कॉरपोरेट घरानों को बिक्रीकरण करने की साजिश सरकार कर रही है. सूबे के मुख्यमंत्री राज्य में प्रत्येक गांव में बिजली पहुँचा दिए जाने का दावा करते है. सीएम कहते है बिजली व्यवस्था के आधारभूत संरचना के लिए 60 ग्रिड पावर स्टेशन, 257 सब स्टेशन और कृषि फीडर में 80 प्रतिशत कार्य को पूर्ण किया जा चुका है. ऐसे में विधुत व्यवस्था का निजीकरण करने का सरकार का यह निर्णय समझ से परे है. उन्होंने कहा यह राज्यव्यापी आंदोलन क़रने का निर्णय निजीकरण के अलावे 2007 में की गई नियुक्त कामगारों की पदावनति के विरुद्ध भी है. 2007 में की गई 175 नियुक्त कामगारों को पदावनति के लिए शो कॉज पूछा जा रहा है. 2009 में 400 कर्मियों को तृतीय श्रेणी में नियुक्त किया गया था और उन सभी कर्मियों को रिवर्ट किया जा रहा है. इन सभी पर रोक नही लगी तो और वृहत आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.