रांगाटाँड़ निवासी 17 वर्षीय सावन का तालाब में डूबने से मौत, छह माह बाद मिलनी थी रेलवे में नौकरी, इकलौता पुत्र था सावन

धनबाद. रांगाटाँड़ निवासी 17 वर्षीय सावन कुमार की तालाब में डूबने से मौत हो गई. यह घटना शुक्रवार की सुबह की है. चैती छठ के दौरान वह अपने तीन दोस्तों के साथ नहाने पम्पु तालाब पहुँचा. यहाँ चारो नहाने के लिए तालाब में उतर गए. नहाने के क्रम में सावन तालाब के दलदल में फस गया. उसके तीनो दोस्त किसी तरह से निकलकर किनारे तक आ पहुँचे जब्कि सावन दलदल में फसते हुए करीब 25 फीट गड्ढे में डूब गया.

घाट पर नहीं था गोताखोर का इंतेजाम :

इस घटना के बाद सावन को तालाब से बाहर निकालने के प्रयास शुरू हुआ. इधर तत्काल मामले की सूचना सदर थाना को दी गई. थाना प्रभारी नवीन कुमार रॉय दल बल के साथ पम्पु तालाब पहुँचे. यहाँ गोताखोर की व्यवस्था नहीं रहने से सावन को बाहर निकालने का सारा प्रयास व्यर्थ रहा. इसी बीच विधायक राज सिन्हा को मामले की जानकारी हुई.

विधायक के खर्चे पर मुनिडीह से आया चार गोताखोर :

विधायक स्वंय के खर्चे पर मुनिडीह से चार गोताखोर को लेकर पहुँचे. पांच घण्टे की कड़ी मसक्कत के बाद सावन के शव को तालाब से बाहर निकाला गया. जिसके बाद पुलिस आवश्यक जाँच पड़ताल के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

सीओ द्वारा दी गई पांच हजार की आर्थिक मदद : 

इधर मृतक के परिजन एवं स्थानीय लोग मुआवजे की मांग को लेकर अड़ गए. मौके पर पहुँचे सीओ ने मृतक के आश्रित परिवार को तत्काल पांच हजार ऱु की आर्थिक मदद दी. आगे और मुआवजे के सवाल पर सीओ ने बताया कि यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही तय हो पायेगा.

जिला प्रशासन ले घटना से सबक :

इधर विधायक राज सिन्हा ने इस घटना को दुःखद बताते हुए ईश्वर से कामना की इस दुःख की घड़ी में आश्रित परिवार को हिम्मत दे. चैती छठ को लेकर घाट पर गोताखोरों का कोई इंतेजाम नहीं होने के पीछे उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से कही न कही चूक अवश्य ही हुई है. इस घटना से जिला प्रशासन को सबक लेने की जरूरत है.

परिवार में इकलौता पुत्र था सावन : 

गौरतलब है कि सावन कुमार स्व0 साधु हांड़ी का इकलौता पुत्र था. विडम्बना यह है कि अगले छह माह बाद ही सावन को उसके पिता की जगह पर रेलवे में अनुकम्पा पर नौकरी लगने वाली थी. साधु हाड़ी की मौत एक साल पहले जोंडिस की बीमारी की चपेट में आकर हो गई थी. साधु हाड़ी रेलवे में सफाई कर्मी था. सावन और उसके पिता के मौत के बाद अब परिवार में एक मात्र सावन की माँ है. जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर उस माँ के आँखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रही.