भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करने के साथ ही लोकआस्था के महापर्व छठ का हुआ समापन

धनबाद : लोक आस्था का  महापर्व ´चैती छठ´ आज सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही समापन हो गया. चार दिवसीय इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर ´पारण´ किया.

धनबाद के विभिन्न घाटों, मंदिरों में बने तालाबों और अपने घर की छत पर व्रतियों ने उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की. सुबह पूजा स्थल पर जाने के लिए व सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए लोग पारंपरिक गीत गाते हुए घरों से निकले. इस दौरान मुख्य पथ से लेकर गली-मुहल्ले की सड़कों पर छठ के पारंपरिक गूंजते रहे. पूजा को लेकर छठ घाटों की विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.

मंगलवार की सुबह नहाय-खाय के साथ चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ हुआ था.   उल्लेखनीय है कि महापर्व छठ साल में दो बार यानी कार्तिक और चैत्र माह में होता है, जिसमें लोग भगवान भास्कर की पूजा करते हैं. चैत्र छठ कम ही लोग मनाते हैं. कार्तिक माह में इस महापर्व को मनाने वालों की संख्या ज्यादा रहती है.