जॉब लगाने वाले ठगों का शिकार पढ़े लिखे खुद है ज़िमेदार।पैसा देकर जॉब की चाहत करने वाले मारते है सही उमीदवारों का हक

कहावत है पूत के पावँ पालने में दिख जाते है. ये कहावत उन लोगो के लिए है जो अपने बच्चों को 

पूरी तरह से आजादी दे कर रखते है. आज से दो दिन पहले एक युवक रेलवे में जॉब लगाने के नाम पर कई लोगो को बेवकूफ बना कर उनसे लाखो की ठगी किया था. धनबाद के जालान अस्पताल केम्पस में उस युवक को कई युवको ने एक सोची समझी साजिश के तहत पकड़ा था. जिसमे एक युवती ने भी उन युवको का साथ दिया था उसे पकड़ने में. अब थोड़ा फलेश बैक में जाकर कहानी की घटना क्रम आपको बताते है.
राहुल वीर सिंह नाम का युवक कई वर्षो से फेसबुक में एक्टिव था और उसकी बात मेसेंजर में कई युवको और महिलाओं से होती थी. साधारण परिवार से जुड़े राहुल वीर को अपने आप को बड़ा आदमी शो करने का बड़ा सौख था. कई बंगलो,गाड़ियों और मिल्क प्लांट का मालिक बता कर राहुल कई महिलाओं और  लड़कियों के संपर्क में रहा करता था. कइयों को रेलवे में जॉब दिलाने के नाम उसने लाखो की रकम उठा ली थी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसे जॉब लगाने के ठगों पर वैसे ही लोग भरोसा करते है जिन्हें खुद पर भरोसा नही होता तभी वो मन मुताबिक राशि इन ठगों के कहने पर देते है. और बाद में जॉब नही लगने पर हंगामा करते है. जो लोग जॉब लगाने की राशि ऐसे लोगो को देते है इसका मतलब आप स्वम समझ सकते है. मेहनत और पढ़ाई के अलावा कमीशन बेशीष और घुस देकर जॉब लगाने में केवल पकड़ाया राहुल वीर सिंह दोषी नही था बल्कि वो सभी युवक और उनके परिवार दोषी है जिन्हें अपनी मेहनत और पढ़ाई पर भरोसा नही था तभी वो पैसे देकर जॉब करने की चाहत में थे. पकड़ाया ठग राहुल केवल दोषी नही था बल्कि पैसे देकर उससे जॉब लगाने की चाहत रखने वाले लोग भी दोषी है. पैसे देकर ऐसे लोग सक्षम उमीदवारों का हक मारने की तैयारी में लगे हुए थे..