धनबाद जेल में तीन और गिरिडीह में एक एड्स का नया मरीज मिला

धनबाद. धनबाद जेल के तीन बंदियों की एचआईवी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. तीनों छह महीने से जेल में हैं. इस रिपोर्ट ने जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. रिपोर्ट आने के बाद बंदियों का एआरटी सेंटर में रजिस्ट्रेशन कराया गया. साथ ही दवा शुरू कराई गई. तीन नए मरीजों के साथ धनबाद जेल में एचआईवी पॉजिटिव बंदियों की संख्या पांच हो गई है. दो बंदी पहले से पॉजिटिव थे. इसके अलावा गिरिडीह जेल के भी एक बंदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
बता दें कि नेशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी (नाको) के विशेष अभियान के तहत झारखंड सरकार के निर्देश पर राज्य की जेल, नारी निकेतन और बाल सुधार गृह में बंदियों की एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस आदि की जांच कराई गई है. इसका उद्देश्य एचआईवी समेत अन्य चिह्नित बीमारियों के मरीजों की पहचान और इलाज करना था, ताकि मरीज को बीमारी से राहत मिल सके और यह दूसरे बंदियों में न फैले. धनबाद जेल में जनवरी में यह अभियान चला था. इस दौरान धनबाद जेल के तीन बंदियों की एचआईवी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. रिपोर्ट आने के बाद एआरटी सेंटर में इनका रजिस्ट्रेशन कराया गया और दवा शुरू कराई गई.

जेल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल: एचआईवी से जुड़े अधिकारियों के अनुसार जेल में जाते ही बंदी की स्वास्थ्य जांच कराई जाती है, जिसमें एचआईवी जांच अहम है. बावजूद तीन बंदियों की विशेष जांच अभियान में पॉजिटिव आना जेल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल है. यदि इनकी जांच हुई होती तो पहले ही रिपोर्ट आ जाती और उनका इलाज शुरू हो जाता. यदि जेल जाने के दौरान दोनों निगेटिव थे और बाद में अंदर रहते हुए पॉजिटिव हुए, तो यह मामला और भी गंभीर हो जाता है.

अपराध के बाद अब स्वास्थ्य को लेकर भी चर्चा में धनबाद जेल: धनबाद जेल शुरू से आपराधिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. जेल से रंगदारी मांगने की शिकायतें कई बार आ चुकी हैं. पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के आरोपी अमन सिंह जैसे कुख्यात को जेल में ही गोलियों से भून डाला गया. इन सबके बीच जेल में तीन नए बंदियों का एचआईपी पॉजिटिव मिलना कई सवालों को जन्म दे रहा है.