मजदूरों ने किया कमर्शियल माइनिंग का विरोध

पंचेत (रिपोर्ट-बंटी झा) :-  श्रम कानून में छेड़छाड़ एवं कमर्शियल माइनिंग का बीसीसीएल एरिया-12 के दहीबाडी में संयुक्त मोर्चा की ओर से आंदोलन कर पूरा जोर विरोध किया गया. मोदी सरकार हाय हाय, कमर्शियल माइनिंग बंद करो, मजदूर विरोधी नीति नहीं चलेगा, मैनेजमेंट तुम होश में आओ, मैनेजमेंट की दादागिरी नहीं चलेगा जैसे नारों से पूरा दहीबड़ी परियोजना गूंज उठा.

वक्ताओं ने कहा भाजपा सरकार के मजदूर विरोधी नीति श्रम कानून के साथ छेड़छाड़ कमर्शियल माइनिंग जैसी नीति को हम लोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब कोरोना वायरस जैसे विपदा से पूरा देश गुजर रहा है इस सप्ताह में भी सरकार अवसर खोज रहा है. सरकार मजदूर विरोधी नीतियों को लागू करने के लिए प्रयास कर रहा है. देश में करोड़ों प्रवासी मजदूरों को रोजगार समाप्त हो गया है और मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर वापस आ रहे हैं. पूरे देश के प्रवासी मजदूर  दाने-दाने को मजबूर है. इस आपदा में सरकारी संस्थानों को निजी मालिकों के हाथों बेच देना मजदूरों के साथ  घोर अन्याय है. मजदूर एकजुट होकर कमर्शियल माइनिंग का पूरी जोर विरोध करेगा. वक्ताओं ने कहा कमर्शियल माइनिंग के तहत निजी कंपनियां कोयले की खरीद बिक्री करेगा जिसका सीधा असर कोल इंडिया पर पड़ेगा. कोल इंडिया के मजदूरों की छटनी शुरू हो जाएगी. मजदूरों का रोजगार सुरक्षित नहीं रहेगा. मजदूर सड़कों पर चला आएगा. कोल इंडिया में स्थिति राष्ट्रीयकरण के पहले जैसा हो जाएगा. लॉक डाउन को देखते हुए यह आंदोलन किया गया. पर आने वाले दिनों में या आंदोलन और भी उग्र रूप धारण करेगा.

वही वक्ता मनोरंजन मलिक ने प्रवासी मजदूर को सुरक्षित घर पहुंचाने एवं कोरोना काल में पीएम फंड से प्रतिमा दस दस हजार रुपए जरूरतमंद को देने की मांग किया.