टमाटर के बाद अब सेब भी होगा महंगाई से लाल, हिमाचल की बारिश ने बढ़ाई चिंता

टमाटर के बाद अब सेब की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से राज्य में सेब के बागान प्रभावित हुए हैं. वहीं, सेब के सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा है. ऐसे में दिल्ली के थोक बाजारों में सेब की आपूर्ति प्रभावित हुई है. त्योहारी सीजन से ठीक पहले सेब की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका ने आम लोगों की टेंशन बढ़ा दी है.


मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, ओखला सब्जी मंडी के एक दुकानदार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाजारों के लिए हमेशा बुरी खबर होती है. यह राज्य दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के थोक बाजारों में प्लम, सेब और खुबानी के सबसे बड़े सप्लायर  में से एक है. दुकानदार ने कहा-आमतौर पर सेब की एक पेटी की कीमत लगभग ₹1000 होती है, लेकिन अब बारिश के कारण इसकी कीमत ₹2000-₹3500 हो गई है. इसके अलावा, राजमार्गों की खराब स्थिति के कारण, किसान फलों को एक ही ट्रक में पैक कर रहे हैं, जिससे वे जल्दी सड़ जाते हैं.

आजादपुर मंडी में एक फल की दुकान के मालिक मोहम्मद इमरान ने कहा कि सेब की मौजूदा आपूर्ति खत्म हो गई है. भूस्खलन के कारण ताजा सप्लाई नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा, हमने हिमाचल के आपूर्तिकर्ताओं को सूचित कर दिया है. उन्होंने भी डिलीवरी करने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें बीच में ही लौटना पड़ा क्योंकि फल सड़ गए थे.


हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून के 54 दिनों में 742 मिलीमीट बारिश हो चुकी है. शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरिंदर पॉल ने कहा कि इस जुलाई में राज्य में दर्ज की गई बारिश ने पिछले 50 वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि 13-15 अगस्त तक लगातार बारिश ने कुल 71 लोगों की जान ले ली है. वहीं 10714 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.

Web Title : AFTER TOMATOES, APPLES WILL NOW BE RED DUE TO INFLATION, HIMACHAL RAINS RAISE CONCERNS

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