बीजेपी को हराने के लिए अखिलेश यादव ने बना लिया फॉर्मूला, नाम दिया PDAकितनी मिलेगी सफलता


समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने का फॉर्मूला दिया है. शनिवार को लखनऊ में अखिलेश मे कहा एनडीए को हराने के लिए पीडीए का फॉर्मूला काम आएगा. बता दें कि अखिलेश यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर लड़ा था. हालांकि चुनाव के तुरंत बाद यह गठबंधन टूट गया था.

 


लखनऊ में आयोजित एनडीटीवी कॉन्क्लेव में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कहा कि भाजपा को पीडीए हरा सकता है. यहां पीडीए से अखिलेश का मतलब ´पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक´ है. अखिलेश ने कहा, इस बार मुझे यकीन है कि पीडीए (PDA) एनडीए (NDA) को हराएगी. पीडीए यानी पिछड़े, दलित और अल्‍पसंख्‍यक. इस बार उत्तर प्रदेश में पिछड़े, दलित और अल्‍पसंख्‍यक खास भूमिका निभाएंगे. अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए विपक्ष के एक संयुक्त मोर्चे के बारे में अपनी पार्टी के दृष्टिकोण पर सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए उनका एकमात्र नारा है, ´80 हराओ, सीटों पर होगी हमारी जीत- अखिलेश

 
 
उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि दूसरे दल बड़े दिल के साथ समाजवादी पार्टी के साथ आएं और यकीन दिलाता हूं कि 80 की 80 सीटों पर हमारी जीत होगी. इससे पहले भी हमने कई दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और उसके परिणाम भी सामने आए हैं. अखिलेश ने उम्मीद जताई है कि इस बार भी उन्हें इसी फॉर्मूले पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई वरिष्‍ठ नेताओं से बात करने के बाद यही निष्‍कर्ष निकला है कि जो दल जहां मजबूत है, वहां उसके उम्‍मीदवार का समर्थन करना चाहिए.

अखिलेश यादव ने राज्य और राष्ट्रीय चुनावों के लिए कांग्रेस और मायावती की बसपा के साथ अपनी पार्टी के पिछले गठबंधनों का हवाला देते हुए दावा किया कि समाजवादी पार्टी हमेशा एक ईमानदार और मिलनसार गठबंधन सहयोगी रही है. उन्होंने कहा, सपा जहां भी गठबंधन में रही है, आपने हमें सीटों को लेकर लड़ने की बात नहीं सुनी होगी.



समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए बसपा के दलित वोट बैंक को लुभाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 3 अप्रैल को रायबरेली के मान्यवर कांशीराम महाविद्यालय में बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था. इस कार्यक्रम में उन्होंने यह कहकर दलित समुदाय तक पहुंच बनाने की कोशिश कि समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने जो रास्ता दिखाया था, वही हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए बी. आर. अम्बेडकर और कांशीराम ने दिखाया था.  

यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश ने दलितों को लुभाने की कोशिश की है. पिछले साल यूपी विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने घोषणा की थी कि ´समाजवादी´ और ´अंबेडकरवादी´ भाजपा को खत्म करने के लिए एकजुट होंगे. हालांकि सपा भाजपा को बाहर करने में सफल तो नहीं हुई, लेकिन उसका वोट शेयर 2017 में 22 प्रतिशत से बढ़कर 2022 के चुनाव में 32 प्रतिशत हो गया. अब, पार्टी ने लोकसभा चुनावों में 40 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर का लक्ष्य रखा है.
 

Web Title : AKHILESH YADAV HAS DEVISED A FORMULA TO DEFEAT THE BJP.

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