BJP का बड़ा दावा- दिल्ली जल बोर्ड में अरविंद केजरीवाल ने किया 500 करोड़ का घोटाला

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगा दिया है. भाजपा का दावा है कि 2022 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेडेशन के काम में अनुमानित लागत से अधिक का ठेका देकर घोटाला किया. भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार का पर्याय है और लूट-खसूट का कोई एक्सपर्ट बताया. भाजपा ने कई दावे करते हुए केजरीवाल सरकार से सवाल किए हैं. भाजपा ने भ्रष्टाचार का यह दावा ऐसे समय पर किया है जब आम आदमी पार्टी सरकार कथित शराब घोटाले को लेकर मुश्किलों का सामना कर रही है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ´यह घोटाला जो उजागर हुआ है, दिल्ली जल बोर्ड स्कैम. यह घोटाला है क्या- 10 एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) को दो कैटिगरी में बांटा गया. पहली कैटिगरी थी जिसमें सिर्फ अपग्रेडेशन होना था और दूसरी में अपग्रेडेशन के साथ ऑगमेनटेशन (कैपिसिटी बढ़ाना) भी होना था. 2022 में दिल्ली जल बोर्ड ने इसके 1938 करोड़ रुपए का ठेका दिया, जबकि अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपए थी, जो और कम होनी चाहिए थी. मतलब खुद लगाए गए अनुमान में 30 फीसदी वृद्धि करके ठेके दिए गए. अरविंद केजरीवाल जी आपने तो भ्रष्टाचार के सबसे बड़े कलाकार बनके एक और घोटाला कर दिया. यदि कोई राजनेता है जो भ्रष्टाचार का एक्सपर्ट है वह अरविंद केजरीवाल हैं. ´

गौरव भाटिया ने कहा, ´10 एसटीपी का अपग्रेडेशन और ऑगमेनटेशन होना था. यह नियम है कि डीपीआर बनना आवश्यक है, पहला सवाल यह है कि आपने कितनी डीपीआर बनवाई, 10 बनवानी चाहिए थी, लेकिन 2 ही बनवाईं. 2 डीपीआर जहां अनुमानित लगात बढ़ा दिया और सभी 10 पर लागू कर दिया. यहां भी घोटाला किया. कैटिगिरी 2 में अपग्रेडेशन और ऑगमेनटेशन दोनो होना था,  एक साधारण व्यक्ति भी जान जाएगा कि केवल अपग्रेडेशन होगा ति को कॉस्ट कम होगा और दोनों के लिए ज्यादा होगी. अरविंद केजरीवाल इतने बड़े घोटालेबाज हैं कि इन्होंने कैटिगरी 2 का ही एस्टीमेट कैटिगरी वन पर लागू कर दिया. उन्होंने कहा कि अपग्रेडेशन और ऑगमेनटेशन का कॉस्ट सब पर लगा दूंगा कि तो टेंडर की रकम बढ़ेगी और वसूली ज्यादा हो पाएगी. केजरीवाल बताएं कि कैटिगरी 2 का प्लान कैटिगरी एक पर क्यों लगाया

भाजपा ने दावा किया कि नियम के खिलाफ जाकर सिंगल कोटेशन के बावजूद एस्टीमेट बनाने का ठेका दिया गया. यह ठेका उस कंपनी को दिया गया जिसका काम पहले से संतोषजनक नहीं थी. भाटिया ने पूछा कि आखिर उस एजेंसी को क्यों ठेका दिया गया. भाटिया ने कहा कि शराब घोटाले की तरह इसमें भी कार्टिलाइजेशन के जरिए ठे का दिया गया. उन्होंने कहा कि एल-वन यानी लोएस्ट बिडर यदि 100 रुपए कहता है तो ईमानदार सरकार 70-80 रुपए करके जनता के पैसे बचा लेती है. एल-वन ने बिड पेश की 392 करोड़ की, लेकिन अवार्ड दिया गया 408 करोड़ का. जो खुद कह रहा था 392 करोड़ में काम करने के लिए तैयार हूं, उसे केजरीवाल सरकार ने 408 करोड़ कर दिया. भाटिया ने कहा, ´पहली नजर में इन 10 ठेके में 400-500 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया. ´

Web Title : ARVIND KEJRIWAL SCAM: BJP ACCUSES ARVIND KEJRIWAL OF RS 500 CRORE SCAM IN DELHI JAL BOARD

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