नहीं रहे प्रित्जकर आर्किटेक्चर पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय बालकृष्ण दोशी, पीएम मोदी ने जताया दुख

प्रसिद्ध वास्तुकार और पद्म भूषण से सम्मानित बालकृष्ण दोशी का मंगलवार को अहमदाबाद में निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. उनके निधन के बारे में उनके परिजनों ने जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने उनके निधन पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट करके उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. वहीं, सीएम भूपेंद्र पटेल ने वास्तुकार दोशी को वास्तुकला की दुनिया का ध्रुव तारा बताते हुए दुख जताया है.  

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ´डॉ बीवी दोशी जी एक शानदार वास्तुकार और एक उल्लेखनीय संस्था निर्माता थे. आने वाली पीढ़ियों को भारत भर में उनके समृद्ध कार्यों से उनकी महानता की झलक मिलेगी. उनका निधन दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति. ´  

भूपेंद्र पटेल ने जताया दुख

सीएम भूपेंद्र पटेल ने गुजराती भाषा में एक ट्वीट करके दोशी को श्रद्धांजलि दी. अपने ट्वीट में सीएम पटेल ने कहा कि प्रिट्जर पुरस्कार विजेता ´पद्म भूषण´ बालकृष्ण दोशीजी के निधन पर शोक, विश्व प्रसिद्ध वास्तुकार जो वास्तुकला की दुनिया में ध्रुव तारे की तरह हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार, अनगिनत प्रशंसकों और शिष्यों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें.  

उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि दोशी से ज्यादा किसी को भी जीवन से प्यार नहीं था. वे हमेशा कहते थे कि जीवन का जश्न मनाओ. उनके पास बहुत सारे लोग थे जो उनसे बहुत प्यार करते थे.  

पुणे में हुआ था जन्म

मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से पढ़ाई करने वाले दोशी ने वरिष्ठ आर्किटेक्ट ले कॉर्ब्यूसर के साथ पेरिस में साल 1950 में काम किया था. उसके बाद वह भारत के प्रोजेक्ट्स का संचालन करने के लिए वापस देश लौट आए. उन्होंने साल 1956 में अपने स्टूडियो वास्तु-शिल्प की स्थापना की.

इन परियोजनाओं पर किया काम

बालकृष्ण दोशी ने जिन भवनों और संस्थाओं का निर्माण किया है उनमें अहमदाबाद में इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, सीईपीटी यूनिवर्सिटी और कनोरिया सेंटर फॉर आर्ट्स, बैंगलोर में भारतीय प्रबंधन संस्थान और इंदौर में निम्न से मध्यम आय वाले परिवारों के लिए एक टाउनशिप अरन्या लो कॉस्ट हाउसिंग शामिल है. अरन्या लो कॉस्ट हाउसिंग के लिए उन्हें 1995 में वास्तुकला के लिए प्रतिष्ठित आगा खान पुरस्कार प्राप्त किया था.  

प्रित्जकर आर्किटेक्चर पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय

जानकारी के मुताबिक, 2018 में उन्हें वास्तुकला के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाने वाला प्रित्ज़कर आर्किटेक्चर पुरस्कार मिला था. यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय वास्तुकार थे. इसके अलावा उन्हें 2020 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 2022 में उन्हें रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स से ´रॉयल गोल्ड मेडल´ मिला था.  

Web Title : BALKRISHNA DOSHI, THE FIRST INDIAN TO RECEIVE THE PRITZKER ARCHITECTURE AWARD, HAS PASSED AWAY.

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