कश्मीर में 370 हटने के बाद बड़े स्तर पर मनाया दशहरा, जम्मू परेड ग्राउंड में मुख्य कार्यक्रम
जम्मू में दो साल बाद दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया. परेड मैदान में मुख्य कार्यक्रम था. यहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के अग्निबाण से रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले धू-धू कर जल उठे. रावण और कुंभकरण का पुतला डेढ़-डेढ़ मिनट तो मेघनाद का पुतला सिर्फ 36 सेकेंड में भस्म हो गया. इस दौरान आयोजन स्थल पर जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठे. हजारों की संख्या में पहुंच लोग रावण दहन के गवाह बने. उधर कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद बड़े स्तर पर दशहरा पर्व मनाया गया.
बुधवार को परेड मैदान में रथ पर सवार होकर प्रभु श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ पहुंचे. इस दौरान सबसे पहले हनुमान ने रावण की लंका जलाई. इसके बाद लक्ष्मण ने अग्निबाण से कुंभकरण और मेघनाद का दहन किया. इसके बाद प्रभु श्रीराम ने अपने अग्निबाण से अहंकारी रावण पर निशाना साधा.
इससे पहले सनातन धर्म सभा की ओर से रघुनाथ मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई थी. शोभायात्रा तीन किलोमीटर का सफर तय कर आयोजन स्थल पर पहुंची. इस दौरान आतिशबाजी का दृश्य बनते बन रहा था. हनुमान सहित वानर सेना मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी.
कार्यक्रम में पहुंचे जम्मू-पुंछ से सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. हम सब को अपनी बुराइयों को छोड़ कर सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए. श्रीराम ने भी रावण का घमंड तोड़ा था.
गाधीनगर दशहरा मैदान में भी रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया. यहां श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर से आयोजन स्थल तक शोभायात्रा निकाली गई थी. यहां 30 सेकेंड में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले धराशायी हो गए.
अप्सरा रोड के साथ दशहरा मैदान में रावण दहन किया गया. इस दौरान आसपास में मेले जैसा माहौल रहा. लोग घरों और दुकानों की छतों से भी रावण दहन देखने के लिए उत्सुक दिखे. उधर, सड़क किनारे खिलौनों और खानपान के स्टाल लगे थे. छोटे बच्चे राम और हनुमान के मास्क पहने थे.
पुतलों के जलने के बाद लकड़ियां एकत्रित करने के लिए खूब भीड़ उमड़ी. पुतलों की लकड़ियां घरों में रखने से शुभ होता है. इसी मंशा से लोग लकड़ियां घर ले गए. इसके लिए पहले से ही पुतलों के आसपास बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.