सरदार पटेल न होते तो हैदराबाद और जूनागढ़ के लिए भी लगता वीजा

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें याद किया है. उन्होंने कहा कि यह सरदार पटेल की दूरदर्शिता और विजन था कि राष्ट्र की एकता हुई. उन्होंने कहा कि भारत का एकीकरण उनकी ही देन था. राष्ट्रीय एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाने के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि पटेल जी नहीं होते तो आज जूनागढ़ जाने के लिए भी वीजा लेना पड़ जाता. यह हिस्सा भारत का नहीं होता. सरदार पटेल के विजन से ही ऐसी तमाम रियासतें भारत का हिस्सा बनी थीं. इस मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.  

राजनाथ सिंह ने कहा, ´यदि सरदार पटेल को ही जम्मू-कश्मीर के विलय की भी जिम्मेदारी मिलती तो वहां कभी आर्टिकल 370 लागू नहीं हो पाता. यदि वह नहीं होते तो फिर आज जूनागढ़ और हैदराबाज जाने के लिए भी वीजा लग जाता. ´ उन्होंने कहा कि सिविल सर्विसेज का फ्रेमवर्क भी सरदार पटेल ने ही तैयार किया था. इतने सबके बाद भी उन्हें उनके हिस्से का सम्मान नहीं मिला था. रक्षा मंत्री ने कहा, ´2014 के बाद से ही भाजपा सरकार में उन्हें पूरा सम्मान मिला है. पीएम मोदी ने उनकी 182 फुट ऊंची प्रतिमा गुजरात के केवड़िया में बनवाई. आप जब भी गुजरात जाएं तो इसे जरूर देखें. ´

उन्होंने कहा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी ने युवाओं की लिए कई स्कीमें शुरू की हैं, जिनसे उन्हें जुड़ना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि आज इंदिरा गांधी की शहादत का भी दिन है और मैं उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत के निर्माण में सरदार पटेल का जो योगदान था, उसका भी जिक्र होना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि 10 सालों से मोदी सरकार उन्हें सम्मान दे रही है और उनके काम को पहचान मिल रही है. उन्होंने कहा कि 2013 में जब नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट भाजपा ने घोषित किया था, तब भी एक आयोजन हुआ था और मैंने उसे हरी झंडी दिखाई थी. आज 10 साल बाद मैं फिर राष्ट्रीय एकता दौड़ को हरी झंडी दिखा रहा हूं.

Web Title : IF SARDAR PATEL WAS NOT THERE, VISAS WOULD HAVE BEEN ISSUED FOR HYDERABAD AND JUNAGADH.

Post Tags: