लालकिला परिसर में पीएम मोदी ने किया सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में लालकिले पर सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया. इस संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ीं चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस भी मौजूद हैं.

इसके अलावा प्रधानमंत्री आज याद-ए-जलियां संग्रहालय (जलियांवाला बाग और प्रथम विश्वयुद्ध पर संग्रहालय) और 1857 (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम) पर संग्रहालय और भारतीय कला पर दृश्यकला संग्रहालय भी गए.

बताया जा रहा है कि इस संग्रहालय में नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार के अलावा आईएनए से संबंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएं शामिल हैं. गौरतलब है कि INA के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया था, उसकी सुनवाई लालकिले में ही हुई थी यही कारण है कि यहां पर संग्रहालय बनाया गया है.

संग्रहालय में आने वाले लोगों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें फोटो, पेंटिंग, अखबार की क्लिपिंग, प्राचीन रिकार्ड, ऑडियो-वीडियो क्लिप, एनिमेशन व मल्टीमीडिया की सुविधा होगी.

बदला था द्वीपों का नाम

आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजाद हिंद फौज के द्वारा अंडमान निकोबार में फहराए गए तिरंगे के 75 साल पूरे होने पर वहां का दौरा किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने तीन द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम पर करने का ऐलान किया था. अंडमान में मौजूद हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप, नील द्वीप का शहीद द्वीप और रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप के नाम से जाना जाएगा.

सुभाष चंद्र बोस के बारे में

आपको बता दें कि सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था. उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था. अपने सार्वजनिक जीवन में नेताजी को कुल 11 बार कारावास की सजा दी गई थी.

तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.. .

सबसे पहले उन्हें 16 जुलाई 1921 को 6 महीने का कारावास दिया गया था. 1941 में एक मुकदमे के सिलसिले में उन्हें कलकत्ता की अदालत में पेश होना था, तभी वे अपना घर छोड़कर चले गए और जर्मनी पहुंच गए. जर्मनी में उन्होंने वहां के चांसलर हिटलर से मुलाकात की. अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध के लिए उन्होंने आजाद हिन्द फौज का गठन किया और युवाओं को ´तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा´ का नारा भी दिया.

Web Title : NETAJI SUBHAS CHANDRA BOSE ANNIVERSARY PM NARENDRA MODI INAUGARATED MUSEUM AT LAL QILA

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