मुंबई : लोकसभा चुनाव को अब कुछ ही दिन रह गए हैं. इस बीच मुंबई भारतीय जनता पार्टी के अंदर का विवाद समाने आने लगा है. भारतीय जनता पार्टी (मुंबई) के वरिष्ठ नेता संजय बेडिया ने मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार पर पार्टी के लिए समर्पित कार्यकताओं की राजनीतिक हत्या का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से भारतीय जनता पार्टी में उन कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा हो रही है, जिन्होंने अपनी लाइफ का 30 से 40 पार्टी को स्थापित करने में लगा दिया. लेकिन मुंबई भारतीय जनता पार्टी का वर्तमान नेतृत्व उन समर्पित कार्यकर्ताओं को साइड कर करोड़पति और अरबपति लोगों को तरजीह दी जा रही है. राम कदम, प्रवीण दरेकर, राजहंस, ठाकुर जी, पूनम ढिल्लन जैसे 50 प्रतिशत लोग अरबपति हैं. उनके सामने पार्टी के कार्यकर्ताओं की कोई अहमियत नहीं रह गई है. ये लोग पार्टी को विनाश की ओर ले जा रहे हैं.
संजय बेडिया ने कहा कि आशीष सेलार पार्टी में कारपोरेट कल्चर चला रहे हैं. जब इनसे पूछा जाता है कि आप पार्टी में कार्यकर्ताओं के उपर ऐसे लोगों को क्यों लेकर आते हैं तो वे कहते हैं कि ये लोग सक्षम हैं. तो ऐसे में मेरा सवाल आशीष शेलार से है कि अखिर उन्होंने बिना उफ किये पार्टी के लिए डटे रहने वाले कार्यकर्ताओं को सक्षम क्यों नहीं बनाया. मंडलस्तर और वार्डस्तर के कार्यकर्ताओं को आगे क्यों नहीं बढ़ाया. उल्टे आप ने अपने की कार्यकर्ता की राजनीतिक हत्या करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि जब पार्टी के लंबे समय से काम कर रहे कार्यकर्ता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से कोई जनता का काम करवाने जाते हैं, तो उन्हें दलाल कह कर जलील किया जाता है. कार्यकर्ता इलीगल कार्यों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उन्हें ब्लैक मेलर बताया जाता है. और कहा जाता है कि वह वह भरोसे के लायक नहीं है. यह सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है. भाजपा के कार्यकर्ता कर्मठ होते हैं और अपने नेताओं के अन्याय को भी बदार्श्त कर लेते हैं. उसके बाद भी उन्हें कुछ नहीं मिलता है. सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है. 99. 9 प्रतिशत कार्यकर्ता उफ तक नहीं कहते, मगर मैं उनमें से नहीं हूं. पार्टी में कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने के लिए एक प्लेटफॉर्म होना चाहिए. मैंने कई बार आशीष शेलार से बात करने की कोशिश की, मगर हर बार मेरी अनदेखी की गई. ऐसे में मैं अपनी बात मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से कहने को बाध्य हूं. लगता है उन्होंने मेरे किसी राजनीतिक प्रतिद्वदी से सुपारी ले रखी है, इसलिए वे मेरे हजारों मैसेज और कॉल का जवाब नहीं देते हैं. जरूरत पड़ी तो वो भी मैं मीडिया के समक्ष रखूंगा.
उन्होंने कहा कि पुलिस और सीबीआई के जरिये अपने विरोधियों को जो चुप कराने की परंपरा आज कल चल रही है, उससे मैं नहीं डरता हूं. मैं वो भी भुगतने को तैयार हूं, लेकिन पार्टी को डूबते नहीं देख सकता. पहले अगर एक कार्यकर्ता भी सात दिन दिखाई नहीं देता था, तो अध्यक्ष उनके घर पहुंच जाते थे. मगर अब उन्हीं कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ा जा रहा है. मैं आशीष शेलार और नरेंद्र मोदी का भक्त नहीं हूं. मैं पार्टी का सिपाही हूं. इसलिए मैं आशीष शेलार से अपील करता हूं कि वे पुराने कार्यकर्ताओं को बदनाम न करें. भारतीय जनता पार्टी की परपंरा कार्यकर्ताओं की रही है. मुझे इसका अभिमान है. लेकिन मुंबई भाजपा में जो हो रहा है, वह पार्टी के लिए सही नहीं है.