समुचित इलाज के अभाव में आदिम जनजाति के झरी बिरहोर की मौत

तोपचांची : सरकार चाहे आदिम जनजाति की रक्षा के लिए लाख दावे करती हो मगर इस वाडे की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है.  तोपचांची के चलकरी बस्ती में लगभग 150  सौ की संख्या में आदिमजनजाति बिरहोर रहते है.  सरकारी फाइलों में इस जनजाति को संरक्षित घोषित किया गया है. तरह तरह की विशेष सुविधाए उपलब्ध कराई गई है मगर हकीकत में सारे दावे सिर्फ कागजी खाना पूर्ति ही साबित होती है.

ऐसा ही एक मामला तोपचांची में सामने आया है जंहा समुचित इलाज के अभाव में एक बिरहोर जनजाति के व्यक्ति की मौत हो गयी मामला तोपचांची के चलकरी बस्ती का है.

मृतक झारी बिरहोर  तोपचांची प्रखंड कार्यालय में पिऊन की नौकरी करता था. सरकारी कर्मचारी होने के वावजूद झरी सरकारी इंदिरा आवास में रहने को विवस था.

मृतक की पत्नी और बेटियो का कहना है की उनके पिता को पहले से टी० बी० की बिमारी थी. कुछ दिन उसका स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा था दवाइयां भी चल रही थी. लेकीन स्वास्थ्य केंद्र में दवाईया नहीं मिलने के कारण बाद में सारी दवाइया बंद कर दी गई थी.

अचानक बीते शुक्रवार को उनकी छाती में दर्द उठा और कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गयी. मृतक के परिजनों का कहना है की इलाज की समुचित व्यवस्था स्वास्थ विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं होने के कारन ही झरी बिरहोर की मौत हुई है.

हालाकि मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है. घटना के बाद तोपचांची प्रखंड कार्यालय के प्रखंड विकास पदाधिकारी अब्दुस समद , उप-प्रमुख आनंद महतो मृतक के परिजनों को सांत्वना देने चलकरी बस्ती पहुंचे.

Web Title : ABSENCE OF TREATMENT PRIMITIVE TRIBE JHARI BIRHOR DEATH