न्यायिक कार्यों से अलग रहे अधिवक्ता

धनबाद : इलाहाबाद में पुलिस की गोली से बर्बरता पूर्वक मारे गए एक वकील के परिवार को 50 लाख रूपये की मुआवजा राशि, दोषी पुलिसकर्मी की गिरफतारी और त्वरित न्यायालय गठित कर सजा दिलाने की मांग को लेकर धनबाद बार एसोसिएशन के अधिवक्ता राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शरीक होते हुए न्यायिक कार्यों से अलग रहे.

हड़ताल का आह्वान बार काउंसिल आॅफ इंडिया ने किया था.

अधिवक्ता कोर्ट तो आए थे लेकिन किसी ने न्यायिक कार्य नहीं किया.

 

अधिवक्ताओं ने की निंदा

जिला बार एसोसिएशन धनबाद के अध्यक्ष कंसारी मंडल ने कहा कि इलाहाबाद में पुलिस की गोली से वकील की हत्या देश के लिए काला अध्याय है.

वकील लोगों को न्याय दिलाते हैं, लेकिन वही असुरक्षित है.

वहां की घटना बर्बरता की हद है.

उत्तर प्रदेश सरकार मृतक के परिवार को पचास लाख मुआवजा राशि देने की घोषणा करे, इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मी की अविलंब गिरफतारी हो व त्वरित न्यायालय गठित कर दोषी को कड़ी सजा दी जाए.

 

वरिष्ठ अधिवक्ता समर श्रीवास्तव ने पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करते हुए दोषी पुलिसकर्मी को सजा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुआवजा की घोषणा की मांग की है.

इलाहाबाद में जो कुछ भी हुआ उससे वकील की सुरक्षा खतरे में है.

वकील ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो न्याय की कैसे उम्मीद की जा सकती है?

 

जिला बार एसोसिएशन धनबाद के महासचिव देवी शरण सिन्हा ने इलाहाबाद की घटना की तीव्र शब्दों में निंदा की है और दोषी को कड़ी सजा देने की मांग की है.

सिन्हा ने कहा कि बार काउंसिल आॅफ इंडिया के आह्वान पर पूरे देश में 16 लाख वकीलों ने न्यायिक कार्य रोके रखा.

धनबाद के वकील एकजुटता दिखाते हुए न्यायिक कार्यों से अलग रहे.

14 मार्च को झारखंड बार काउंसिल के आह्वान पर वकीलों ने कार्य का बहिष्कार किया था.

राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बाद बार काउंसिल आॅफ इंडिया जो भी निर्णय लेगा उसमें धनबाद के वकीलों की पूरी भागीदारी रहेगी.

 

अधिवक्ता विजय झा ने इलाहाबाद की घटना की तीव्र शब्दों में निंदा की है.

उन्होंने त्वरित न्यायालय गठित कर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मृतक परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा राशि दिए जाने की मांग की.      

 

Web Title : ADVOCATES RETAINED WORK