बैंकों की हड.ताल से धनबाद का अर्थतंत्र डोला

धनबाद : धनबाद के बैंकों में उपर से नीचे तक के कर्मिर्यों-अफसरों की हड.ताल से धनबाद के अर्थतंत्र को हल्का झटका लगा. हालांकि कारोबारी जगत इसके लिए पहले से तैयार था.

बैंकों में सन 2000 से वेतन पुनरीक्षण लंबित है. भारतीय बैंक संघ इसके लिए तैयार नहीं है.

युनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन की सदारत में हड.ताल हुई. यह बैंकों की सभी कर्मचारी और अधिकरियों की यूनियनों का फेडरेशन है.

इसके धनबाद संयोजक प्रभात चौधरी ने पत्रकारों से कहा, एक तरफ बैंकों में हर वर्ष 75-80 हजार करोड. के रिण् माफ और सामंजित किए जाते हैं, जो बैंकों के कर्मचारी एक लाख 25 हजार से एक लाख 50 हजार करोड. रूपए तक पहुंचाते हैं, उनका वेतन पुनरीक्षण सरकार नहीं करती.

यही रवैया रहा तो बेमियादी हड.ताल पर जाना उनकी बाध्यता होगी.

फडरेशन के धनबाद के चेयरमैन इश्वर प्रसाद, आइबीइए के अर्जुन सिंह, श्री महाराज, बीके प्रसाद, एसबी मिश्रा, उदय सिन्हा, राज कुमार श्रीवास्तव, दीवाकर झा, डीपी सिंह, टीके मजुमदार, जयंत वर्मा, देवाशिष, साकेत सिन्हा,रोना घोष ने बैंककर्मियों को हड.ताल में शामिल होने के लिए बधाइयां दी है.

और कहा की ग्राहकों से सेवा में रुकावट से हुई असुविधा के प्रति खेद प्रकट किया है.

Web Title : BANK STRIKE AT DHANBAD

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