डोंगरेजी महाराज की प्रेरणा से करते हैं भागवत कथा

धनबाद : भारत के महान कथावाचक डोंगरेजी महाराज से प्रेरित होकर तथा उनका मार्गदर्शन प्राप्त कर वसई (मुंबई) के रहने वाले तथा भावनगर (गुजरात) में जन्मे कथावाचक राजेश भानुशंकर जोशी धनबाद के कच्छ गुर्जर क्षत्रिय समाज में श्रीमद् भागवत कथा का रसज्ञान कराने पहुंचे हैं. एक मुलाकात में उन्होंने बताया कि 1985-86 में मुंबई के जे.वी. नगर में डोंगरेजी महाराज कथा करने पधारे थे.

कथा के समापन के बाद जब वे पोथी पर से चिल्लर इकट्ठा करने गए, तब डोंगरेजी महाराज ने उनके सर पर हाथ फेरते हुए कहा कि तुम भी भागवत कथा कर सकते हो. जिस समय का यह वाक्या है उस समय वे ऑटोमोबाइल इंजिनीयरिंग की पढ़ाई पूरी की थी. उनके माता-पिता और नाना ने भी श्रीमद् भागवत कथा के लिए प्रेरित किया. फिर उन्होंने लगातार 5 वर्षों तक इसका अध्ययन किया. डोंगरेजी महाराज के आशीर्वाद से उन्होंने 1991 से पहली श्रीमद् भागवत कथा मुंबई में सुनाई.

उनकी मधुरवाणी की चर्चा मुंबई से बाहर होने लगी. अब तक उन्होंने 68 देवी भागवत की कथा की है. मुंबई के वसई में उन्होंने एवरशाइन शक्तिधाम नामक लक्ष्मीनारायण का मंदिर स्थापित किया है. मुंबई के अलावा उन्होंने नासिक, चंपारण, पूरी, महुआ, द्वारिका में भी कथा की है. पूछने पर उन्होंने बताया कि झारखण्ड में वे पहली बार आए हैं.

यहां पर आने से पहले यहां के बारे में बहुत कुछ नकारात्मक सुना था. लोग कहते थे कि संध्या 6 बजे के बाद सड़के सुनसान हो जाती है, बाजार में विरानी छा जाती है, लेकिन यहां आकर उनको बहुत ही सुखद अनुभव हुआ. वे जहां भी कथा करने जाते हैं वहां उनकी टीम में मोहित राज्यगुरु, राकेश सोनी, पार्थ पंडित, जयेश जोशी तथा पुरोहित राज्यगुरु हमेशा साथ होते हैं.       

Web Title : BHAGWAT KATHA AT SASTRI NAGAR DHANBAD