भुली : दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है. मान्यता है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. भाई दूज का यह पर्व गोधन के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व को लेकर श्रमिक नगरी में भी धूम रही.
मंगलवार को सुबह से ही भूली के क्षेत्रों में पूजन की गयी जिसमें बहनों ने भाई को तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर लम्बी उम्र की कामना की. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था.इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.
तब यमराज ने प्रसन्न होकर उसे यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा. यमुना समस्त कष्टों का निवारण करने वाली देवी स्वरूपा हैं. उनके भाई मृत्यु के देवता यमराज हैं. यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और वहीं यमुना तथा यमराज की पूजा करने का बड़ा महत्व माना जाता है. इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र के लिए यमराज से प्रार्थना करती है.