धनबाद: खंमा मारा नंदजी ना लाल मोरली क्यारे वगाड़ी....., आद्यशक्ति तने नमु रे बहुचरा, गणपत भलु थाय....., अम्बे लई आव्या रे गोकुड़ गाम मा.... नमिता परमार के पारंपारिक गुजराती गरबा गीत ने मंगलवार को चांचर चौक का महौल भक्तिमय बना दिया.
श्री शक्ति सत्संग मंडल द्वारा शारदीय नवरात्र गरबा उत्सव 2016 में गुजराती स्कूल के गरबा चौक में महिलाएं गरबा लेने के लिए उमड़ पड़ी. महिलाओं की भीड़ के कारण विशाल गरबा चौक भी छोटा पड़ने लगा. नमिता परमार तथा सोनल अंबानी ने माँ अम्बे के एक से बढ़कर एक पारंपारिक गरबा गीत प्रस्तुत किए.
गरबा लेने वालों में समृद्धि वोरा, वंशिका यादव, तृप्ति पण्डया, हर्षिता पटेल, रिद्धि व्यास, नमशवी राठोर जैसी बच्चियों से लेकर प्रिति त्रिवेदी, बबीना चावड़ा के साथ-साथ 83 वर्षीय चंपाबेन टांक ने भी झूमकर गरबा लिया. परंपरा के अनुसार गरबा की शुरुआत योगेश व्यास ने गणपती वंदना से क. योगेश व्यास ने भी माँ पावा ते गढ थी उतर्या पावागढ़ वाड़ी रे...., तारा नाम नी चुंदड़ी ओढी गरबा रमे छे राधा जैसे पारंपारिक गरबा गीत प्रस्तुत किए
महिलाओं और बच्चियों के कच्छ तथा सौराष्ट्र के पारंपारिक चणिया-चोली परिधान से गरबा चौक में गुजरात में होने का एहसास हो रहा था. छठे नवरात्र से यहां पर बेस्ट ट्रेडिशनल ड्रेस, बेस्ट गरबा इत्यादि का पुरस्कार भी रखा जाएगा. गरबा चौक में प्रत्येक दिन महिलाएं रंगोली भी बनाती है. गरबा कार्यक्रम के समापन पर बेस्ट रंगोली को पुरस्कृत किया जाएगा.
छठे दिन से डांडिया-रास का आयोजन किया जाएगा. गुजराती स्कूल में प्रतिदिन संध्या 5 बजे से 8 बजे तक केवल महिलाओं के लिए रास-गरबा का आयोजन किया जाता है.
कार्यक्रम को सफल बनाने में भुजंगी पण्डया, दुलेराय चावड़ा, शैलेश रावल, जयेश याज्ञनिक, दीपक रावल, महेन्द्र राठोड़, रमेश राठेड़, उमंग चावड़ा, अभिमन्यु कुमार, वरूण सामराणी, निखिल चावड़ा, युग चावड़ा, मनुबेन चावड़ा, समिता परमार सहित समिति के सभी सदस्यों का सक्रिय योगदान रहा.