बसंतीं चैती दुर्गापूजा का है गौरवमयी इतिहास, षष्ठी की शाम खुलेगें मां के पट

झरिया : झरिया के आमलापाड़ा में चैती दुर्गापूजा का 43 वर्षों की धूम गौरवमयी इतिहास रहा है. यहां आज भी मां दुर्गा की पूजा धूमधाम से मनायी जाती है.

पूजा के दौरान ढाक ढोल की आवाज के आस पास का क्षेत्र भक्ति मय वातावरण में डुब जाता है.

दुर्गा पाठ के मंत्रोच्चारण खासकर बंगाली परिवार के लोगों की उपस्थिति मंदिर में रहती है.

इस मंदिर में यह 43 वें वर्ष बासंती दुर्गापूजा मनाया जा रहा है.

मंदिर के पुजारी दयामय बनर्जी ने बताया की यहां वर्ष 1972 में स्व. तारा पदो बनर्जी को मां का आर्शीवाद प्राप्त हुआ था.

स्व. बनर्जी के कहने पर आमलापाडा निवासी लाल बाबा ने पूजा शुरू किया था.

1972 में वरुण चंद मोदक, महावीर अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, सत्यनारायण दे, गोपाल चंद्र सेन ने मिलकर पूजा आयोजन कर रहे थे.  इसके बाद से लगातार पूजा हो रही है.

वर्तमान में वरुण चंद्र मोदक पूजा आयोजन कर रहे है.

पुजारी ने बताया कि बंगाली पंचांग के अनुसार बेलवरण के दिन से पूजा प्रारंभ होती है.

बेलवरण के दिन मां की प्रतिमा को विधिवत पूर्ण श्रृंगार किया जाता है.

वुधवार की शाम षष्ठी के दिन मां दुर्गा के पट खुलेगें.

जिसमें मां को आह्वान किया जायेगा. इस मंदिर में आशिन माह में भी दुर्गापूजा काफी धूम धाम व नियम से पूजा किया जाता है.

आशिन माह का पूजा झरिया के राजा द्वारा शुरू करवाया गया था.

सहयोगीयों में संरक्षक वार्ड पार्षद कृष्णा अग्रवाल, हराधन दास, पवन खरकिया, सुभाष दत्ता, मिठू दत्ता, जगरनाथ मोदक, गणेश धीवर, कुणाल बक्सी, मोंटी अग्रवाल, उत्तम सेन, अशोक सेन,विक्की अग्रवाल, प्रिंस अग्रवाल, प्रवीन गोप, टोटन चौधरी आदि है.

Web Title : CELEBRATION OF CHAITI DURGA PUJA AT COAL CITY