भारतीय वैज्ञानिकों ने देश को बुलंदियों तक पहुंचाया : डॉ. ई.एस. द्वारकादास

धनबाद : विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय वैज्ञानिकों के आविष्कार और सफलता ने विश्व में भारत को बुलंदियों तक पहुंचाया है. भारत एक विशाल देश है. यहां के वैज्ञानिक बहुत होनहार है. वैज्ञानिकों के उच्च विचार, उच्च सोच और उनके द्वारा किया गया आविष्कार के कारण भारत ने विश्व में अपना परचम लहराया है.

उक्त बातें केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर) के 75वें स्थापना दिवस (प्लेटिनम जुबीली) के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. ई.एस. द्वारकादास ने कही. उन्होंने कहा कि एशियन देशों को प्रति पहले विश्व के अन्य देश हीन भावना रखते थे.

लेकिन जब से अमेरिका में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक से बढ़कर एक खोज की है, तब से भारत के प्रति विश्व का नजरिया बदल गया है. उन्होंने कहा कि भारत की सरकार ने भी अब इस बात को समझ लिया है. इसलिए सरकार इस क्षेत्र के प्रति गंभीर हो गई है.

मुख्य अतिथि ने कहा चीन और जापान जैसे देश हमसे आगे हैं. इसका मुख्य कारण है कि वहां पर स्थानीय भाषा में विज्ञान की पढ़ाई की जाती है. लेकिन भारत में विज्ञान की पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में होने से बहुत सारे होनहार छात्र विज्ञान में सफल होने से वंचित रह जाते हैं.

उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि भारत में भी विज्ञान और अन्य क्षेत्र में राष्ट्रभाषा का प्रयोग किया जाय तो देश में होनहार वैज्ञानिकों की संख्या में बहुत इजाफा होगा. कार्यक्रम में सीएसआईआर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान ने 75 वर्ष की बहुत बड़ी यात्रा सफलतापूर्वक तय की है.

कहा कि संस्थान गरीबों के विकास और समाज के उत्थान के लिए निरंतर अपनी खोज को आगे बढ़ा रहा है. श्री सिंह ने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिक प्रति माह अपना एक दिन सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए समर्पित करते हैं. उस दिन वे बच्चों को पढ़ाते हैं और उनकी समस्या का समाधान भी करते हैं.

कार्यक्रम में सीएसआईआर के आर.वी.के. सिंह, पिजुष पाल रॉय, आशिष मुखर्जी सहित बड़ी संख्या में संस्थान के वैज्ञानिक उपस्थित थे. इस अवसर पर संस्थान में पिछले 25 वर्षों से जुड़े वैज्ञानिकों तथा प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित भी किया गया. संध्या 4.30 बजे से कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया.

 

Web Title : CEREMONY HELD AT AUDITORIUM SINFAR ON FOUNDATION DAY