जाली नोट तस्करी मामले में पांच को दस साल कैद

धनबाद : जाली नोट की तस्करी के मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत ने एक बार फिर स्पीडी ट्रायल की बेहतरीन मिसाल पेश की है. महज 24 तारीखों में जाली नोट तस्करी के पांचों आरोपियों को दस वर्ष की कैद एवं बीस हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई.

जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर कोर्ट ने छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. दिन के करीब तीन बजे तीनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में जेल से लाया गया. जैसे ही सजा की बिंदू पर सुनवाई शुरू हुई,

दोषी फरीद खान ने अदालत में खुलासा किया की भूरे रहमान का सही नाम शेख हमीद पिता शेख कदर है, वो जलगांव का रहने वाला है, उसने अपना नाम पुलिस को गलत बताया था. उसने ही हमलोगों को यहां बुलाया था.

बुधवार को मामले में फैसले की तारीख निर्धारित थी, भूरे रहमान और शंकर महतो जमानत पर थे. दोनों फैसले के दिन अनुपस्थित हो गए, इस कारण अदालत ने दोनों का बेल बांड खारिज कर उनके विरूद्ध गिरफ्तारी का स्थायी वारंट जारी कर दिया था.

शंकर महतो उर्फ शंभू साव उर्फ कामेश्वर महतो (नावाटांड), भूरे रहमान उर्फ शेख हमीद उर्फ सत्तार (जलगांव महाराष्ट्र), फरीद खान (जलगांव महाराष्ट्र), फिरोज शाह (मारूति नगर, सूरत, गुजरात), शेख असगर उर्फ असगर अब्दुल्ला को सजा हुई है.तत्कालीन मैथन ओपी प्रभारी महेश रंजन की लिखित शिकायत पर पांचों के विरुद्ध प्राथमिकी चिरकुण्डा (मैथन) थाना में दर्ज हुई थी

Web Title : FIVE TO TEN YEARS IMPRISONMENT IN FAKE CURRENCY