जामाडोबा में धुम धाम से मनाई गई होला मोहल्ला

जोरापोखर(झरिया). जामाडोबा गुरूद्वारा मे होला मोहल्ला पर्व धुम धाम से मनाया गया. इससे पूर्व 3 दिनो तक गुरूद्वारा के अखंड पाठ का आयोजन किया गया. जिसमे गुरू की वाणी को सरदार रंजीत सिंह एवं सरदार जीत सिंह द्वारा प्रवचन के माध्यम से बताया गया.

गुरू गोविंद सिंह के विचारो को जन मानस तक पहुचाने के लिए रागी जत्था ने गुरू के द्वारा दिए गए उपदेशो को लोगो तक पहुचाना. गुरूविंदर सिंह ने कहा कि 1700 ई के करिब गुरू गोविंद सिंह ने समाज मे देखा की हिन्दुस्तान की धरती पर होली का त्योहार धुम धाम से उत्साह पूर्वक मनाया.

यह पर्व जीत का प्रतिक है बुराई मे अच्छाई की जीत अवगुणो मे गुणो की जीत. होली के पर्व को लोगो ने किचड़ का पर्व बना दिया. गुरू गोविंद सिंह ने सिख संगत समुदाय को कहा कि हमलोग होला मोहल्ला मनए. होला मोहल्ला का अर्थ(सस्त्र विद्या ट्रेनिंग) होता हैं.

प्रसाद एवं लंगर की व्यवस्था थी जिसे हर धर्म के लोगो ने खूब आनंद पूर्वक लंगर चखा. मौके पर आयोजन कर्ता मे प्रधान सुरेन्द्र सिंह यशवंत सिंह मंजीत सिंह मंगल सिंह मोहन सिंह रंजीत सिंह बलविंदर सिंह आदि थी. महिलाओ और बच्चे सैकड़ो की संख्या मे मौजूद थे.

Web Title : HOLA MOHALLA CELEBRATED WITH POMP