सुहागिन महिलाओं ने की बरगद पेड़ की पूजा

धनबाद : अपने पति के दीर्घायु होने के लिए सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री पर्व के अवसर पर श्रद्धा भक्तिपूर्वक बरगद पेड़ की पूजा की और अखंड सौभाग्यवती होने की मंगलकामना की.

महिलाएं एक थाल में फूल, पान, चना, आम व अन्य पूजन सामग्री लेकर पूजा के निर्धारित समय से पूर्व ही बरगद पेड़ के पास पहुंचनी शुरू हो गयी थी.

इस पर्व के मौके पर महिलाएं व्रत रखती है और वट सावित्री की कथा भी सुनती हैं.

इस व्रत में चना का सबसे ज्यादा महत्व है, व्रती थाल में चना जरूर ले गयी थी.

बिना चने के प्रसाद का यह व्रत अधूरा माना जाता है.

शहर के श्याम नगर, जयप्रकाश नगर, हीरापुर, बरमसिया, मनईटांड़, भूली, सरायढ़ेला, रानी बांध आदि जगहों में महिलाओं ने बरगद पेड़ की पूजा की.

उल्लेखनीय है कि प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन यह पर्व मनाया जाता है.

बरगद पेड़ की पूजा के पीछे यही धारणा है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में विष्णु और डालियों एवं पत्तों में शिव वास करते हैं.

इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा कहने और सुनने से मनोकामना पूरी होती है.

एक धारणा यह भी है कि इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की लंबी आयु होती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है.

मान्यता है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यावान के प्राण की रक्षा की थी.

Web Title : MARRIED WOMEN WORSHIPED BANYAN TREE