कुछ अलग : कागज का जादूगर आशीष को है सही प्लेटफार्म की तलाश

बरवाअड्डा : किसी शायर ने कहा है कि पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया हैं. बरवाअड्डा क्षेत्र के बड़ाजमुआ निवासी महेंद्र विश्वकर्मा के पुत्र आशीष विश्वकर्मा उफ़ बिट्टू ने अपनी आर्थिक परिस्थतियों की मार झलने के बाबजूद अपने सपनों को साकार करने में बचपन से ही जुटा रहा हैं और अब अपने सपने साकार होते दिख रहे हैं.

आर्थिक अभाव में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर कला का ऐसा प्रदर्शन किया कि आज उनकी ख्याति कस्बे से निकलकर जिला में जोत फैला रही हैं.

 

कागज का जादूगर हैं आशीष
आशीष कागज की टुकड़े से एसी-एसी कलाकृति बनाता हैं कि दिखने वाले को असल सा प्रतीत होता हैं. एक कलाकृति को बनाने में पैसों के साथ दिन-रात का मेहनत के साथ ही समय का विशेष ख्याल रखना पड़ता हैं.

इसके कलाकृतियों को देखकर धनबाद के दर्जनों बिल्डरों ने अपनी बिल्डिंग का माॅडल तैयार करने का ऑडर दिया हैं.

इसके माॅडलों में हर छोटी-बड़ी बारीकियों को दर्शया जाता हैं. इससे अभाष होता हैं कि वास्तव में दिखने वाला उसमें समा गया.

 

इन कलाकृतियों कर चूका हैं निर्माण

आशीष ने अब तक बेकार पड़ी कागज के टुकड़ों से मोबाईल टॉवर, जीप, ताजमहल, ताज होटल, लंदन ब्रिज, एफिल टॉवर, रोबोट सहित बिल्डरों का अपार्टमेन्ट का मॉडल तैयार कर चूका हैं.

 

आशीष को सही प्लेटफार्म की तलाश

लोग कहते हैं कि बिन गुरु ज्ञान नहीं पर आशीष ने इस मिथ्या को भी तोड़ दिखाया हैं. बिना किसी के मार्ग दर्शन के ही कलाकृति बनाने वाला आशीष को आज तक सही प्लेटफार्म नहीं मिला.

इसकी कलाकृतियों की सरहना  कई अधिकारियों ने भी की. पर आज तक इसे किसी ने प्रोत्साहित नहीं किया और न ही प्रशासनिक स्तर इसकी मदद की गयी.

आशीष का कहना हैं की यदि इसे सही प्लेटफार्म मुहिया कराये जाए तो यह अपनी प्रतिभा से लोगों को दातों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर देंगे.

Web Title : MASTER OF PAPER SCULPTURE ASHISH VISHWAKARMA