खाताधारकों की निजी जानकारी साझा की तो बैंक कर्मचारी पर होगी सख्त कार्रवाई : एसएसपी

धनबाद : बैंक और एटीएम की सुरक्षा को लेकर आज एसएसपी मनोज रतन चोथे ने जिले के सभी बैंकर्स के साथ एक बैठक कर बैंक और एटीएम की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला.

न्यू टाउन हॉल में आयोजित बैठक में एसएसपी ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश के विभिन्न हिस्से से बैंकर्स द्वारा खाताधारकों की निजी जानकारी लीक करने और खाते से छेड़छाड़ करने के कई मामले प्रकाश में आए हैं. उन्होंने बैठक में उपस्थित बैंकर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसे मामले पुलिस के समक्ष आयेंगे तो बैंक कर्मी पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेंगी.

बैंक से रुपए की निकासी करने वाले ग्राहकों से छीनतई की बढ़ती घटना पर एसएसपी ने कहा कि बैंक अपनी अंदरुनी सुरक्षा का विश्लेषण करें. बैंक में आने वाले ग्राहकों पर निगरानी रखे. संदिग्ध ग्राहकों से बैंक में आने का कारण पूछे. उनके पास बैंक में आने का क्या प्रायोजन है, इसकी भी जानकारी ले.

बैंक यदि ऐसा औचक निरीक्षण नियमित रूप से करेगी तो निश्चित रूप से अवांछित तत्वों का धड़ेल्ले से बैंक में प्रवेश करने पर रोक लग जाएगी. ऐसी ही एक घटना का उद्भेदन का जिक्र करते हुए एसएसपी ने बताया कि अपराधी 3-4 की संख्या में होते हैं. एक अपराधी बैंक के अंदर बैठा रहता है.

दूसरा बैंक के प्रवेश द्वार के पास रहता है. अपराधी के दो साथी बैंक के बाहर मोटरसाइकिल पर सवार होते हैं. घटना को अंजाम देने के लिए अंदर वाला अपराधी रुपए निकासी करने वाले भुक्तभोगी को हरा शर्ट - पीला झोला जैसे कोड वर्ड में चिन्हित करता है. वहीं प्रवेश द्वार पर खड़ा अपराधी मोटरसाइकिल पर सवार अपराधियों से भुक्तभोगी की सूचना साझा करता है. जैसे भुक्तभोगी बैंक से बाहर निकलता है, मोटरसाइकिल पर सवार अपराधी मौका देखकर झपट्टा मारते हैं और झोला लेकर फरार हो जाते हैं.

साईबर क्राइम की बढ़ती घटना पर एसएसपी ने कहा कि यदि समय रहते पुलिस को जानकारी दी जाए तो ऐसे साइबर क्राइम पर अंकुश लग सकता है. उन्होंने बताया कि गत माह साईबर क्राइम और साईबर सुरक्षा कार्यशाला में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है. जिसके आधार पर पुलिस ने साईबर ठगी के मामले में भुक्तभोगी के 1 से 1.25 लाख रुपया वापस उसके एकाउंट में ला दिए हैं.

उन्होंने बताया कि साईबर ठगी के मामले में रकम 72 घंटे तक पेमेंट गेटवे में पड़ा रहता है. यदि भुक्तभोगी समय पर पुलिस को सूचना दे तो 72 घंटे से पूर्व ही रकम को थर्ड पार्टी के एकाउंट में जाने से रोका जा सकता है. सूचना देने में देरी करने पर भुक्तभोगी, पुलिस तथा बैंक को रकम वापस लाने में बहुत ज्यादा समय लग सकता है.

बैंक की सुरक्षा को लेकर एसएसपी ने कहा कि बैंक शाखा प्रबंधक चाहे तो उनके नाम से आर्म्स लाइसेंस प्राथमिकता के आधार पर जारी किया जाएगा. जब अधिकारी का तबादला होगा तो वहीं लाइसेंस नए शाखा प्रबंधक के नाम पर हस्तांतरित कर दिया जाएगा.

एसएसपी ने कहा कि बैंक के कैश वॉल्ट में टाइम लॉक लगाना अनिवार्य है. लेकिन बहुत से बैंक इसका उल्लंघन करते हैं. साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा जारी सेफ्टी एण्ड सिक्युरिटी प्रोसिडीयर (एसओपी) को अमल में लाने का निर्देश दिया. कहा कि इसका सख्ती से पालन नहीं करने वाली बैंक में कोई अनहोनी होने पर बैंक जिम्मेदार हो सकती है.

कैश मुवमेंट पर एसएसपी ने कहा कि इसके लिए पुलिस द्वारा पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करायी जाती है. अन्य जिले से भारी कैश लाना हो तो बैंक लोकल थाना या उनसे सुरक्षा के लिए सीधे संपर्क कर सकते हैं. कैश मुवमेंट को अधिक सुरक्षित करना है. रकम का बीमा होने के कारण बैंक इसमें ढील बरतती है. लेकिन ऐसी लापरवाही या कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी.

इसके साथ ही एसएसपी ने बैंकर्स से आग्रह किया कि वे बैंक व्यवसाय के लिए निर्धारित समय का सख्ती से पालन करें. समय से पहले बैंक को न खोले तथा कार्यावधि समाप्त होने पर शीघ्र बैंक को बंद कर ले. बैंक के प्रवेश द्वार पर चैनल गेट लगाए और उसमें चेन लगाए.

जिससे बैंक में एक वक्त में एक ही ग्राहक अंदर-बाहर आना-जाना कर सके. बैंक के अंदर अनावश्यक भीड़ न होने दे. बैंक अपनी अंदरुनी सुरक्षा का समय समय पर निरीक्षण करें. सुरक्षा बिंदुओं का अक्षरस पालन करें.एसएसपी ने बैंकर्स से सीसीटीवी कैमरा के फूटेज की नियमित जांच करने का निर्देश भी दिया. कहा कि नियमित रूप से इसकी जांच होने से कई संदिग्ध को चिन्हित किया जा सकता है.

वहीं एटीएम की सुरक्षा पर एसएसपी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अभी भी ऐसे कई एटीएम हैं जहां सुरक्षाकर्मी नहीं है. डोर सिक्युरिटी सिस्टम फेल है. उन्होंने बैंकर्स को सख्त निर्देश दिया कि वे अपने एटीएम की नियमित जांच कर सारी खामियों को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करें.

एटीएम फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए एसएसपी ने कहा कि बैंकर्स यह सुनिश्चित करें कि एटीएम के कैंसल, डीलिट इत्यादि के बटन से छेड़छाड़ नहीं हुई है. साथ ही एटीएम में अवांछित तत्वों द्वारा खाताधारक का पिन जानने के लिए गुप्त कैमरा या एटीएम कार्ड क्लॉन उपकरण नहीं लगा हो. एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरा की जांच करने का भी निर्देश दिया.

फूटेज को रन कर देखने और गार्ड की गतिविधी पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कई मामलों में एटीएम के सीसीटीवी फूटेज घटिया होने के कारण कांड के अद्भेदन में विलंब होता है. बैंक के पास सुरक्षा को लेकर पर्याप्त फंड उपलब्ध है. इसका सही इस्तेमाल होने से एटीएम की सुरक्षा बढ़ जाएगी.

इसके अलावे एसएसपी ने एटीएम में पुलिस कलर में स्थानीय थाना का नंबर और अन्य जानकारी के पोस्टर लगाने का सुझाव दिया. बैठक में युको बैंक, धनबाद शाखा के प्रबंधक बी.एन. नाइक ने सुझाव दिया कि पुलिस द्वारा बैंक के सीसीटीवी, अलार्म का मोक ड्रील भी नियमित होना चाहिए. इससे बैंक की सुरक्षा में खामी उजागर हो सकेगी.

वहीं लीड बैंक मैनेजर सुबोध कुमार ने कहा कि सीसीटीवी मोनिटर को सार्वजनिक नहीं रखा जाए. इससे अपराधी जान सकता है कि उसपर कहां से निगरानी हो रही है. बैंकर्स ने पुलिस को यह भी सुझाव दिया कि वे बैंक की सुरक्षा में जो भी कमी है उसे लिखित रूप से मुहैया कराए, जिससे उपरी अधिकारी पर दबाव पड़ेगा और सुरक्षा की कमी को दूर करने में सहायक होगा.

बैठक में उपायुक्त ए. दोड्डे, सभी एसडीपीओ, डीएसपी (विधि-व्यवस्था) डी.एन. बंका, सभी सर्किल इंसपेक्टर, थाना प्रभारी तथा जिले के सभी बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

 

Web Title : MEETING HELD OF BANKERS WITH POLICE