आधी आबादी को सशक्त करने को बालिका विद्या मंदिर की एक नई पहल

  छप्पन साल पुराने झरिया के इस विद्यालय में नये सत्र से नहीं पढ़ेंगे बालक

झरियाः आधी सदी से भी ज्यादा उम्र (56 वर्ष) का झरिया के प्रतिष्ठित विद्यालय बालिका विद्या मंदिर में अब बालकों का नामांकन नहीं लिया जायेगा. कक्षा प्रवेश से प्लस टू तक सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में पहले से जो लड़के पढ़ रहे हैं, वे यथावत् शिक्षा ग्रहण करते रहेंगे.

लेकिन, नए सत्र से यानी 2017-18 से किसी भी कक्षा में बालकों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा. यह जानकारी विद्यालय कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों ने सोमवार को विद्यालय भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों से साझा की.

झरिया मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष डा ओपी अग्रवाल, सचिव विनोद अग्रवाल, कमिटी के अध्यक्ष डा एसपी अग्रवाल, उपाध्यक्ष शरद् दारूका, सचिव गोपीकिशन, कोषाध्यक्ष श्याम सुन्दर अग्रवाल (सीए), जनसम्पर्क पदाधिकारी मनीष शर्मा, सदस्य संजय झुनझनवाला, प्रधानाध्यापिका अजंता राय, उपप्रधानाध्यापिका रंजू सिन्हा ने संयुक्त रूप से बताया कि ‘आगामी सत्र से, विद्यालय में लड़कों का नामांकन निषिद्ध कर दिया गया है. अब विद्यालय का द्वार केवल अपने नाम के अनुरूप बालिकाओं के लिए ही खुला रहेगा.

वैसे, छात्रों एवं अभिभावको की सुविधा का ध्यान रखते हुए यह व्यवस्था की गयी है कि जो लड़के जिस भी कक्षा में पढ़ रहे हैं, वे सभी दसवीं तक की पढ़ाई विद्यालय से पूरी कर सकते हैं. दसवीं के बाद ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में उन्हें प्रवेश नहीं दिया जायेगा. साथ ही, इस सत्र में जो छात्र दसवीं में पढ़ रहे हैं, मैट्रिक पास करने के बाद ग्यारहवीं में उनका नामांकन नहीं होगा. वैसे सभी छात्र दूसरे किसी विद्यालय या महाविद्यालय में नामांकन कराने को स्वतंत्र हैं.

उल्लेखनीय है कि सन् 1994-95 में यहां बालकों का नामांकन करने का निर्णय तत्कालीन कमिटि ने लिया था. उससे पूर्व लगभग 33 वर्षों तक केवल बालिकाओं को ही इस विद्यालय में शिक्षा दी जाती थी. 

 

नारी सशक्तिकरण, अनुशासन एवं विद्यालय की व्यवस्था मुख्य उद्देश्यः

 समिति पदाधिकारियों ने बताया कि बालिकाओं के विकास को उन्मुक्त वातावरण प्रदान करने, उनका सर्वांगीण विकास करने, विद्यालयी शिक्षण-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाने, अनुशासनयुक्त व्यवस्था का पुनर्निर्माण करने जैसे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हमने यह निर्णय लिया है.

किसी भी तरह के भेदभाव की वजह से या स्वार्थ विशेष की पूर्ति के लिए ऐसा कदम नहीं उठाया जा रहा है.

श्याम सुन्दर साह एवं मनीष शर्मा ने यह बताया कि विद्यालय में बच्चियों को कराटे, सिलाई, नृत्य-संगीत आदि की बेहतरीन शिक्षा दी जायेगी. साथ ही साथ, परीक्षा परिणाम को सर्वोत्कृष्ट बनाने के लिए हम निरंतर प्रयत्नशील हैं. छात्राओं के लिए कैरियर काउंसिलिंग करवाने एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम भी आयोजित करने की दिशा में जुटे हैं.

 

समिति का पूरा जोर बालिकाओं के उत्थान एवं विकास पर

प्रधानाध्यापिका अजंता राय ने बताया कि विद्यालय में विद्यार्थियों कुल क्षमता 954 है, जिसमें 431 लड़के अध्ययनरत हैं. लड़कों के नामांकन की संख्या में वर्ष-दर-वर्ष बढ़ोतरी हो रही थी. ऐसे में प्रबंधन के लिए यह चिंता बढ़ने लगी थी अगर यही दशा रही, तो बालिका विद्या मंदिर में बालकों की संख्या बढ़ते देर नहीं लगेगी और यह बालिकाओं को उपयुक्त माहौल प्रदान करने की सोच के माकूल नहीं होगा. ऐसे में, यह दृढ़ फैसला लेना पड़ा.   

 

नये सत्र से प्लेस्कूल का हो रहा है शुभारंभ

बालिका विद्या मंदिर प्रबंधन नये सत्र (2017-18) से प्लेस्कूल की शुरूआत करने जा रहा है.

इस प्ले स्कूल में नन्हें-मुन्ने बच्चों के लिए समुचित वातावरण एवं विशेषताएं होंगी.

खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा देने के लिए सारी सुविधाएं मौजूद रहेंगी.

इंडोर गेम्स, टेबुल मैनर, बाथरूम मैनर, आई कान्टेक्ट जैसी चीजें बच्चों को सिखायी जायेगी.

उक्त प्ले स्कूल में बच्चों के प्रवेश की उम्र कम-से-कम दो वर्ष चार माह है.

प्रेस वार्ता में सिद्धार्थ केजरीवाल, अभिषेक अग्रवाल, अमित शर्मा, दिलीप तुलस्यान समेत विद्यालय परिवार के सभी प्र्रमुख सदस्य थे.   

     

 

Web Title : NEW INITIATIVE FROM BALIKA VIDYA MANDIR SCHOOL OF JHARIA