नीतीश कुमार के धनबाद आगमन के निहितार्थ

धनबाद : नीतीश कुमार तो एक प्रभावी नेता है हीं पर शराबबंदी पर नेतृत्व ने उनके प्रभाव को और व्यापक कर दिया. खासकर महिलाओं में जो उनका असर हुआ है वो देखने लायक है. उनका धनबाद आगमन इसी की परिणति है. बिहार आज शराबबंदी का पर्याय बन चूका है और इसकी विजयीगाथा हर तरफ नीतीश एवं उनके सहयोगियों द्वारा दुहरायी जा रही है.

वैसे बिहार में अपहरण, डाका, लूटपाट, मर्डर, रेप और फिरौती जैसे कई अपराध अपनी शाखा खोल चुके है और कहीं न कहीं विरोधी पार्टी इन सब पर आँख गड़ाएं हुए हैं.

लेकिन विकास करना उनकी निति अंतर्गत कार्यशैली है पर इन सब से इतर अपराध के ´´ ग्राफ ´´ ने उनकी विकास पर ´´ ग्रहण ´´ लगाना शुरू कर दिया पर राजनीत की कसौटी पर उन्होंने एक ऐसे सामाजिक विषय को परखा जो महिलाओं के हित में था और बिहार के विकास में कहीं न कहीं बाधक था. उन्हें वह मूर्त रूप देकर अन्य विषयों से जनसमुदाय को विचलित कर दिया और वह इसी में उलझ कर रह गए.

नीतीश का धनबाद आगमन शराबबंदी पर राज्यसरकार को चुनौती देने जैसा है. बिहार की तर्ज पर झारखण्ड का विकास शायद ही रघुवर सरकार को रास आए. हमारी सरकार इस दिशा में ´´ गुजरात मॉडल ´´ को प्राथमिकता देना चाहती है.

शराबबंदी एक सामाजिक विषय है. अतः इसका समर्थन मिलना भी आवश्यक है. परन्तु दोनों राज्यों में ´´ पूर्व और पश्चिम ´´ का मेल है और इससे विकास और सम्बंधित विषयों पर सफलता मिलना संशय सा दीखता है फिर भी नीतीश का आगमन एक सराहनीय प्रयास है.

 

 

                                                                                                                                                         रविन्द्र पाठक, राजनितिक कार्टूनिस्ट (सिटी लाइव )

Web Title : NITISH KUMARS ARRIVAL AT DHANBAD PUT QUESTION MARKS.