पुराने व रद्दी ईंटो से हो रहा था पीएचसी का निर्माण, जनप्रतिनिधियों को झूठे मुकदमे में फ़साने की दी जा रही थी धमकी

राजगंज : राजगंज स्थित एडिशनल पीएचसी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनाये जा रहे नए भवन के निर्माण में अनियमित्ता बरतने की शिकायत को लेकर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल राजगंज के मुखिया रविन्द्र चंद्र दे एवं पंचयात समिति सदस्य सूरज सोनी से मिला था.

ग्रामीणों ने मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य को एक आवेदन देकर मामले से अवगत कराया. जिसके बाद राजगंज के मुखिया रविन्द्र चन्द्र दे व पंचायत समिति सदस्य सूरज सोनी ने अस्पताल में जाकर निरिक्षण किया था. जिसमे दोनों ने कई अनियमित्ताए देखी जिसके बाद मामले की जानकारी कई वरीय पदाधिकारियो को दी गई थी.

इस मामले को दैनिक आवाज़ ने 08 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद से ठीकेदार लक्ष्मण सिंह द्वारा सबूत मिटाने के इरादें से रातों रात दिवार में प्लास्टर करवा रहे है. बुधवार की रात जब हमारी टीम अस्पताल पहुंची तो टीम ने देखा की रात को ही प्लास्टर किया जा रहा है. हमारी टीम को देख कर सभी काम छोड़ कर निचे उतर गए और दूर जा कर बैठ गए.

क्या था मामला और क्या थी शिकायतें

ग्रामीणों के अनुसार पीएचसी में ठीकेदार द्वारा भवन निर्माण में पुराने भवन के ईटों का किया जा रहा था इस्तेमाल.
बिना इंजिनियर के ही हो रही था ढलाई. इंजिनियर भी कार्य स्थल से थे नदारत.
ढलाई में मशाला की मात्रा सही नहीं रखी जा रही है.
मिलावटी सीमेंट का भी उपयोग किया जा रहा है.
छड़ो की मानक में कमी है.
इसके अलावा ढलाई के बाद ठीक ढंग से पानी भी नहीं दिया जा रहा है.

क्या नहीं धसेगी दीवारें

वो कहावत है न जिसकी नीव मजबूत होती है उसे कोई हिला नहीं सकता. लेकिन यहाँ जिसकी नींव पुराने व रद्दी ईंटो से बनी हो उसका क्या होगा. उस ईमारत का क्या भविष्य होगा.

चोरी की बिजली से होता है काम

एडिशनल पीएचसी के भवन निर्माण में चलने वाले मोटर व मशीन इत्यादि सभी चोरी की बिजली से जल रही है. ठीकेदार द्वारा न तो बिजली का कनेक्शन लिया गया है और न ही हॉस्पिटल से उसका कोई लेना देना है. नियमतः ठीकेदार को जनरेटर से काम करना है लेकिन यहाँ ऐसा नहीं हो रहा है. इससे बिजली विभाग को हजारो रुपये के राजस्व का नुक्शान भी हो रहा है.


Web Title : OVERNIGHT WORK ONGOING WITH THE INTENTION OF DESTROYING EVIDENCE