सच्ची खुशबू अपनी माटी, अपने देश में है

धनबाद : अपनी माटी,अपने देश की खुशबू और कुछ होती है. सच्ची स्वतंत्रता का बोध अपनी धरती पर ही होता है.

परिवार के बीच रहने में जो मजा है वह अकेले रहने में कहां.

बसंत के महीने में कोयल की कूक और आम के मंजर की सुगंध अपने गांव में  मिलती थी.

सात समंदर पार अमेरिका के न्यू जर्सी में वह वह सब कहां.

गांव की खेत में लहलहते फसल देखकर मन गद्गद् हो जाता था.

उक्त बातें अमेरिका के न्यू जर्सी से सपरिवार एकल अभियान परिणाम कुंभ में भाग लेने आए एक प्रवासी भारतीय ब्रह्म ओम शर्मा ने कही.

अमेरिका में वे एकल विद्यालय फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य हैं.

भारतीय गांव तथा वन वासियों के उत्थान के लिए प्रयत्नशील हैं.

उनके मानस पटल पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद स्थित उनका गांव देवोली गोरबा अंकित है.

जीवन का सबसे ज्यादा आनन्द उन्हें अपने गांव में ही मिलता है.

अमेरिका से वे अपने गांव आते भी हैं, साथ में बच्चों को भी लाते हैं.

वे अपने गांव को विकास कार्यों के लिए गोद लेंगे तथा वहां के छात्र—छात्राओं के लिए विशेष तरीके से शिक्षण की व्यवस्था करेंगे.

दिल्ली में इंजीनयरिंग की पढ़ाई करने के बाद टाटा कंसल्टेंसी में भारत में कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे अमेरिका चले गए.

अमेरिका में रहते हुए उन्हें अपने गांव की याद अक्सर सालती है. उनकी नजर में मां व माटी का कर्ज कभी नहीं उतारा जा सकता.

अमेरिका में वर्षों रहने के बाद भी उनका परिवार भारतीय संस्कृति और परंपरा में रचा—बसा है.

सभी भारतीय पर्व पूरी निष्ठा से मनाते हैं.

अपने परिवार में वे हिन्दी में ही वार्तालाप करते हैं.

उनकी बेटी अंजली जो परिणाम कुंभ में उनके साथ आयी थी वह फर्राटे से हिन्दी बोलती है.

अंजली को भारतीय गांव बहुत पसंद हैं. वह अमेरिका में 11 वीं कक्षा में पढ़ती है.

वन वासियों के गांव देखने के लिए वह झारखंड के विष्णपुर व करंजों में दो सप्ताह तक रही.

वहां रहने के दौरान वह ग्रामीणों द्वारा किए गए अतिथि सत्कार व सहज जीवन से बहुत प्रभावित हुई.

अंजली ने कहा कि वन वासी गांव के लोग बिल्कुल निश्चल होते हैं. गांव वालों से वह पूरी तरह घूल—मिल गयी थी.

अमेरिका के बारे में उन्हेांने बताया कि वहां आवभगत औपचारिकता वश की जाती है.

गांव यदि संपन्न हो जाए भारत को समृद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता.

एकल अभियान से वन वासियों के गांव में समृद्धि आएगी.

पढ़ाई—लिखाई कर वह डॉक्टर बनेगी तथा बीच—बीच में भारत आकर गांव वालों का सेवा करेगी.

ब्रह्म शर्मा ने बताया कि अमेरिका में रहनेवाले भारतीय भारत की तरफ आशा भरी निगाह से देख रहे हैं.

खासकर नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद अमेरिका में रहनेवाले भारतीयों का उत्साह बढ़ा है.

अमेरिकी—भारतीय आशा भरी निगाह से भारत की तरफ देख रहे हैं.

Web Title : REAL FRAGRANCE REMAINS IN OWN SOIL AND COUNTRY