संकल्प सत्य रहने पर सिद्धि भगवान देते हैं : भागवत

धनबाद : तीन दिवसीय एकल परिणाम कुंभ के समापन सत्र को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने टाउन हॉल में कहा कि संकल्प सत्य रहने पर सिद्धि भगवान देते हैं.

कार्यकर्ता पूरे समर्पण भाव से काम में लगे रहें. संगठन का एक अर्थ लोक संग्रह भी है.

सात्विक भाव वाले कार्यकर्ता सर्वश्रेष्ठ हैं क्योंकि वे सबको जोड़ते हैं. राजसी और तामसिक कार्यकर्ताओं की प्रवृत्ति भिन्न होती है.

कार्यकर्ता वे हैं जिनकी कथनी और करनी एक होती है. कार्यकर्ता को समाज के अनुरूप होना चाहिए, कार्यकर्ता के अनुरूप समाज नहीं हो सकता.

जो भगवान का कार्य करते हैं वे सात्विक प्रवृत्ति के होते हैं. बगुला भगत की प्रवृत्ति वाले कार्यकर्ता होने से कार्य नहीं चलेगा.

शिवाजी ने कहा था कि युद्ध करना पुरूषार्थ नहीं है, युद्ध में विजय प्राप्त करना पुरूषार्थ है.

कार्यकर्ता सिर्फ प्रयास करें, सफलता—असफलता भगवान देते हैं. अपना ध्येय समझने वाले कार्यकर्ता श्रेष्ठ हैं.

दुनिया शक्ति की पूजा करती हैं, कलयुग में शक्ति संगठन में निहित है. कार्यकर्ताओं को संगठन कार्य का ज्ञान होना चाहिए.

Web Title : MOHAN BHAGWAT SPEAKS AT EKAL VIDYALAYA PARINAM KUMBH