जो विधि से चलता है समाज उसे ही स्वीकार्य करता है : मोहन भागवत

धनबाद : राप्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संचालक माननीय मोहन भागवत ने सोमवार को यहां कहा कि जो विधिवत नहीं समाज उसे स्वीकार नहीं करता, जो विधि से नहीं चलते वह अराजक होते हैं.

टाउन हॉल में परिणाम कुंभ के दूसरे दिन एकल संगम के उदघाटन सत्र में अपना उदबोधन दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि परिणाम कुंभ में 25 वर्पों के कार्यों की समीक्षा करेंगे. कार्य आगे कैसे बढे इस पर विचार करेंगे.

जिस दिषा में बढे थे उसी दिशा में आगे बढेंगे. रणनीति बदलनी पड़ सकती है. सिंहावलोकन कर देखेंगे.

कैसी राह चलकर आए, कैसे रास्ते पर चलेंगे. आगे काम में अनुकूलता-प्रतिकूलता आएगी. राह कैसी थी इस पर नहीं सोचना. राह में जो अनुभव मिले इसे स्मरण रखना है.

25 वर्षों में जो अच्छा मिला उसे आगे बढाना है. जिस कारण से ठोकर लगी. उस पर विचार करना है. कदम बढते गए. राह बनता गया.

अपने अनुभव से क्या सीखा उससे सबक लेना है. जो असली कार्यकर्ता हैं वे असुविधा में काम करते हैं.

जो सुविधाभोगी कार्यकर्ता हैं वे काम नहीं करते.

कल्पना का जन्म मन में होता है. कल्पना को प्रत्यक्ष करने के लिए साहस चाहिए.

पथ कांटों भरा हो लेकिन चलना चाहिए. मन में अहंकार नहीं रखें.

भारतीय चिंतन पद्धति कहती है कि सभी आत्मिक जन हैं. सब में आत्मा का वास है. यही आत्मचिंतन का भाव सनातन काल से भारतीयों को जोड़े हुए है.

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हमें क्या करना है इसका स्पप्ट ध्यान रखना चाहिए. प्रेम ही आगे ले जाता है. मनुप्य को सही कार्य में किसी की सहायता की जरूरत नहीं.

भागवत ने कहा कि भारत में धनपतियों की कमी नहीं रही लेकिन महाराणा प्रताप को दान देने के लिए नाम भामाषाह का हुआ.

जो काम किया है उसका चिंतन करें. काम हमलोगों ने किया है इसीलिए यहां पहुंचे हैं.

सामथ्र्य और पुरुपार्थ के कारण स्थिति बदली. जो विधिवत नहीं समाज उसे स्वीकार नहीं करता. जो विधि से नहीं चलते वह अराजक है.

उन्होंने कहा कि मंदिर, धर्मस्थल सभी को हमें ठीक करना है. जो काम आगे करना है उस पर विचार करना चाहिए.

देश की संस्कृति रीति-नीति को मानना चाहिए. सब को स्वीकार करना हमारी नीति है.

आगे काम करने के लिए हो सकता है कि हम लोगों को अपना स्वरूप बदल कर काम करना पड़े.

अब तक के परिणाम अच्छे हैं. यह सोचकर काम नहीं चलेगा.हर्ष करो, गर्व न करो.

उन्होंने कहा कि परिणाम कुंभ में उत्साहवर्द्धक परिणाम मिले.

आप सभी कार्यकर्ता को षाबास. अभी काम पूरा नहीं हुआ है. आगे बढना है.

Web Title : MOHAN BHAGWAT SPEAKS AT EKAL VIDYALAYA PARINAM KUMBH