धनबाद : नगर निगम की 22 बसें 22लाख रुपए खर्च करने के बावजूद 22 दिन भी नहीं चल सकीं. 18 जून को बड़े तामझाम के साथ 22 बसों को जिले की 9 रूटों पर उतारा गया था. महज दो दिन ही निगम की 22 बसें चल सकीं. उसके बाद से एक-एक कर वे खराब होकर बरटांड़ स्थित बस डीपो में खड़ी होती जा रही हैं. 22 दिनों में 6 सीटी बसें खराब होकर डीपो में खड़ी की जा चुकी हैं.
बड़ा सवाल यह है कि जब इन बसों को दोबारा सड़कों पर उतारने से पहले मरम्मत पर 22 लाख रुपए खर्च किए गए थे, तो फिर वे इतनी जल्दी खराब कैसे हो गईं. क्या मरम्मत के नाम पर नगर निगम ने जनता की कमाई यूं ही बर्बाद कर दी? क्या निगम के अफसरों ने बसों की मरम्मत के काम को सिर्फ कमीशन का जरिया नहीं बना लिया है?
मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने इस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया. इतना ही कहा कि अगले सात दिनों में सभी 22 बसें चलने लगेंगी. जो बसें खराब हो गई हैं, उनकी मरम्मत करने के लिए कांट्रैक्टर को कहा गया है. वे अब तक ईद का बहाना बना रहे थे. अगर 7 दिनों में वे सभी बसों की मरम्मत नहीं करते, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्हें हटाकर किसी और कांट्रैक्टर को काम सौंपा जाएगा.