मनीष हत्या मामले में पिड़ित परिवार इंसाफ का इंतजार

धनबाद : झरिया आरएसपी कॉलेज का छात्र 22 वर्षीय मनीष तिवारी की हत्या के दस माह बीत जाने के बाद भी पुलिस पिड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने में नाकाम है. हत्या मामले में अबतक चार आरोपी बेल लेकर बाहर है, वही चास जेल में बंद दो मुख्य आरोपी के पक्ष में हाइकोर्ट में जमानत की अर्जी दी गयी है. परीजनो के मन में कई ऐसे सवाल है जिनका जवाब उन्हे अबतक नही मिला है और ऐसे में पुलिस की व्यवस्था से उनके अंदर पुलिस के प्रति विश्वास खोता जा रहा हैं.

21 फरवरी 2016 को भगतडीह झरिया के रहने वाले मनीष की निर्मम हत्या की गयी थी. उसका शव बोकारो बालीडीह स्थित एक झाड़ी से बरामद हुआ था. पुलिस अनुशंधान में यह बात सामने आयी थी कि मनीष की हत्या उसके सफेद रंग की स्कोरपियों को लूटने की मंशा की गयी थी. पुलिस ने हत्या के आरोप में मुख्य आरोपी राजेश साव, संजय समेत सात लोगो को हिरासत में लिया था. उन आरोपियों में चार लोग बेल पर बाहर हैं.

धारदार हथियार से मनीष की निर्मम हत्या की गयी थी. परीजनो के गले से यह बात नही उतर रही है की आखिर गाड़ी लुटने की मंशा से ही मनीष की हत्या की गयी थी तो फीर उसे हत्यारो ने इतनी दर्दनाक मौत कैसे मिली. मृतक की मां आज भी बेटे की हत्या को भुल नही पायी है. उन्होने कहा कि इस मामले पुलिस की गतिविधि धीमी है उन हत्यारो को कठोर दंड मिलना चाहिए.

हत्या के बाद मनीष का शव तो जरूर मिला पर उसका पर्स एटीएम, आधार कार्ड, मोबाइल समेत कई कागजात आज भी रहस्य बने हुए है जिसे ढुंढ पाने में पुलिस नाकामयाब है. मनीष की बहन ने ऐसे कई सवाल किये है जिसका जवाब उन्हे कानुन नही दे पायी है. इन्होने मांग की है कि मुख्य आरोपी को पुलिस रिमांड पर लेकर पुठताछ करे ताकि हत्या की असल वजह सामने आ सके.

 

Web Title : VICTIMS FAMILY AWAIT JUSTICE IN MANISH MURDER CASE