सूचना अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम

धनबाद : जिला प्रशासन द्वारा आज न्यू टाउन हॉल में सूचना अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर झारखण्ड के मुख्य सूचना आयुक्त आदित्य स्वरूप, भा.प्र.से. (से.नि.) एवं अमरेश कुमार नीरज, अवर सचिव झारखण्ड राज्य सूचना आयोग ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की.

कार्यशाला में मुख्य सूचना आयुक्त ने बताया कि अधिनियम के तहत यदि किसी के द्वारा जनहित से संबंधित सूचना मांगी जाती है और यदि सूचना अधिकारी को लगता है कि यह जनहित के लिए आवश्यक है, तो वह स्वयं निर्णय लेकर आवेदनकर्ता को सूचना दे सकते हैं.

मुख्य सूचना आयुक्त ने अधिनियम की धारा 11 पर विशेष चर्चा करते हुए बताया कि यदि कोई आवेदक किसी व्यक्ति विशेष से संबंधित सूचना मांगे तो सूचना अधिकारी 5 दिन के अंदर संबंधित व्यक्ति की राय ले सकते हैं.

यदि संबंधित व्यक्ति सहमति प्रदान करें तो उसके बारे में आवेदक को सूचना दी जा सकती है. लेकिन यदि संबंधित व्यक्ति अपनी असहमति प्रदान करें तो सूचना अधिकारी स्वयं निर्णय लेकर उचित कार्रवाई कर सकते हैं.

मुख्य सूचना आयुक्त ने गिरिश रामचन्द्र देश पाण्डेय बनाम केन्द्रीय सूचना आयोग के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के एस.एल.पी. संख्या 27734/12 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था कि आवेदक से किसी की चल-अचल संपत्ति, उपहार, वेतन की विवरणी इत्यादि की सूचना अधिनियम के तहत साजा नहीं की जा सकती.

कार्यक्रम में नगर आयुक्त रमेश घोलप, डीडीसी, ग्रामीण एसपी हृदीप पी जनार्दनन, डीएसपी (विधि व्यवस्था) डी.एन. बंका, डीपीआरओ रश्मि सिन्हा सहित तमाम पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे.

Web Title : WORKSHOP CUM TRAINING PROGRAM ON INFORMATION ACT