धनबाद नर्सिंग होम में किडनी रोग विशेषज्ञ करेंगे इलाज

धनबाद : बैंक मोड़ स्थित धनबाद नर्सिंग होम में कोलकाता के प्रसिद्ध किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ विस्मय कुमार हर महीने प्रथम रविवार को बैठेंगे.

वे कोलकाता मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर नेफ्रालॉजिस्ट हैं.

किडनी रोग के परीक्षण व इलाज के लिए इसी माह धनबाद नर्सिंग होम में शिविर लगाया जाएगा.

निम्न व मध्यम आय वाले रोगी को परीक्षण में कुछ रियायत मिलेगी.

 

1 लाख किडनी रोगी

पत्रकारों से डॉ. कुमार ने कहा कि भारत में हर साल 1 लाख लोग किडनी की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.

इन 1 लाख मरीजों में से मात्र 10 प्रतिशत ही इलाज करा पाते हैं.

90 प्रतिशत मरीज धन के अभाव में बीमारी का इलाज नहीं करवा पाते.

1 लाख रोगियों में से मात्र नौ हजार रोगी ही डायलिसिस करवा पाते हैं.

 

साइलेंट किलर रोग है

किडनी की बीमारी साइलेंट किलर रोग है.

शुरूआत में कुछ भी पता नहीं चलता.

इस बीमारी के पांच चरण हैं. तीसरे—चौथे चरण में आकर पता चलता है.

पांचवे चरण में डायलिसिस व किडनी प्रत्यरोपण का सहारा लेना पड़ता है.

पांचवे चरण का यह दोनों इलाज काफी महंगा है.

मध्यम व निम्न आय वाले मरीज खर्च नहीं उठा पाते.

30 प्रतिशत डायबिटिज के मरीज को किडनी रोग होने की संभावना रहती है.

वैसे डायबिटिज, हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप, किडनी स्टोन जिन्हें हैं उन्हें किडनी रोग होने की संभावना ज्यादा रहती है.

युवा वर्ग भी इस रोग की चपेट में आते जा रहे हैं.

 

क्या है लक्षण

पांव का फूलना, सुबह उठने के बाद चेहरा का फूला—फूला सा दिखना, पेशाब में फेना आना, भूख कम लगना, नींद कम आना, बैचेनी इसके लक्षण हैं.

समय पर इलाज करवाने से इसे पहले स्टेज से दूसरे स्टेज में जाने से रोका जा सकता है.

 

क्या है आंकड़ा

भारत में किडनी रोग के डॉक्टर मात्र 1200 हैं, डायलिसिस मशीन भारत में मात्र 4000 हैं.

डायलिसिस पर महीने में 15000 रुपये प्रतिमाह खर्च आता है.

सरकारी अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण करवाने में 5 लाख रुपये का खर्च आता है तथा सरकारी अस्पताल में प्रत्यारोपण करवाने पर डेढ़ लाख रुपये.

प्रत्यारोपण के बाद 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह दवाईयों पर खर्च आता है. धीरे—धीरे दवाईयों पर खर्च कम होता है.

 

कैसे फैले जागरूकता

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस बीमारी के लक्षण के बारे में बताया जा सकता है.

जगह—जगह पर स्वास्थ्य जागरूकता शिविर में इस बीमारी की चर्चा की जा सकती है.

स्कूलों व कॉलेजों में शिविर लगाकर छात्र—छात्राओं में जागरूकता फैलायी जा सकती है.

सरकार को भी इस दिशा में गंभीर प्रयास करना चाहिए.

 

क्या आहार लें

किडनी रोगी खान—पान में भी संयम बरतें.

जिस खाद्य पदार्थ में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा है जैसे रेड मिट दूध का छेना, चना, सत्तू न खाएं.

कभी—कभार चिकेन खाया जा सकता है.

 

क्या परीक्षण करवाएं

डायबिटिज रोगी साल में एक बार डॉक्टर से परामर्श लें. जांच में यूरिन, अल्बुनिन की मात्रा, क्रिये​टरिंग, रक्त की जांच, युरिन की जांच कराएं.

 

कौन—कौन मौजूद थे

पत्रकार वार्ता में डॉ. अभिषेक प्रिया, डॉ. जोगिन्दर सिंह, रविजीत सिंह डांग मौजूद थे.      

 

 

Web Title : KIDNEY EXPERT DOCTOR IS AVAILABLE AT DHANBAD NURSING HOME