प्रशासनिक उपेक्षा की शिकार हुई करोड़ो की लागत से बनी धनबाद डेयरी

धनबाद : झारखण्ड सरकार ने धनबाद में लोगो को दूध सुलभ तरीके से पहुचाने के लिए करोड़ों की लागत से धनबाद डेयरी बनाई लेकिन अब यह डेयरी बंद है.

सूबे की सरकार ने साल 2008 में करोड़ो की लागत से लोगो को सेहतमंद बनाने के लिए धनबाद में धनबाद डेयरी का प्लांट लगाया जो 5000 लीटर की क्षमता का था बाद में वर्ष 2013 में इसकी क्षमता बढ़ाकर 20 हजार लीटर कर दी गयी लेकिन उत्पादन बढ़ने के बजाय. अब उत्पादन ही बंद हो गया है, डेयरी के कर्मचारी कहते है की अब यहाँ सिर्फ दूध का कलेक्शन कर रांची भेज देते है.

दूध का प्लांट बंद हो जाने से स्थानीय लोग भी मायुश है, उनका कहना है की पहले यहाँ ग्वाला आकर दूध दे जाता था, जिससे उसकी कमाई भी होती थी लेकिन अब दूध नही रहने के कारण लोगो को भी अब यहाँ दूध नही मिल पाता है, इस प्लांट से दूध रांची तक जाती थी और चुकी हम छात्र है इसलिए हमे दूध की जरूरत ज्यादा होती है सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए.

सूबे के पूर्व पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा है की सरकार की इक्षा शक्ति नही है डेयरी को खोलने का धनबाद डेयरी में 2 करोड़ रखा है चाहे तो उसका उपयोग करके भी डेयरी को खोला जा सकता है हमारे कांगेस की सरकार ने लोगो को तोहफा दिया था जिसे रघुवर सरकार लोगो से इसे छिन लिया.

धनबाद डेयरी के तकनिकी पदाधिकारी दीपेंदर सिंह ने बताया की अभी उन्हें यहाँ आये 6 महीने ही हुए इसलिए उन्हें कोई जानकारी नही है हलाकि अभी ये बंद पड़ा है.

Web Title : ADMINISTRATION NEGLECTED CRORE OF DHANBAD DAIRY