वकालत करने वाले अधिवक्ता ही कर पायेगे मतदान

धनबाद : आगामी 25 फरवरी को होने वाले बार चुनाव में केवल वही अधिवक्ता मतदान कर सकेंगे जो धनबाद बार में वकालत करते हैं. वित्तीय अनियमितता के कारण बार काउंसिल के निर्देश के आलोक में पूर्व समिति को 16 दिसंबर 2015 को भंग कर दिया गया है.

 चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी सह वरिष्ठ अधिवक्ता अयोध्या प्रसाद उर्फ मूनमून बाबू ने उच्चतम न्यायालय तथा बार काउंसिल ऑफ इण्डिया का हवाला देते हुए कहा कि इस बार के चुनाव में सेल्स टैक्स और इनक्म टैक्स में वकालत करने वाले अधिवक्ताओं को बार केचुनाव में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इसके लिए विस्तृत रूप से मतदाताओं की सूची में संशोधन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो अधिवक्ता बार में वकालत करते हैं, वे बार की विभिन्न समस्याओं से रू-ब-रू हैं. ऐसे में वे उन्हीं प्रत्याशी को अपना मत देंगे जो प्रत्याशी बार का हित समझसकता हो. उन्होंने बताया कि 3 फरवरी को वोटर लिस्ट का प्रकाशन हो जाएगा. 8, 9 व 10 फरवरी नामांकन की तिथि तय की गई है.

11 व 12 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. नामांकन से नाम वापस लेने की तिथि 15 फरवरी होगी. प्रत्याशियों की अंतिम सूची 16 फरवरी को जारी की जाएगी. 25 फरवरी को सुबह 10 बजे से संध्या 4 बजे तक चुनाव संपन्न होगा और 26 फरवरी को सुबह 9 बजे से मतों की गिनती प्रारंभ होगी. निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए बार एसोसिएशन के अयोध्या प्रसाद, संजय कुमार शर्मा तथा एच.पी. लाला को निर्वाची पदाधिकारी नियुक्त किया गया है,

वहीं धर्मेन्द्र नारायण तथा प्रयाग महतो को चुनाव पर्यवेक्षक घोषित किया गया है. वहीं झारखण्ड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राधेश्याम गोस्वामी ने मीडिया से कहा कि पिछली समिति पर भारी वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है.

काउंसिल ने उक्त समिति को भंग कर दिया है. काउंसिल के निर्देश पर बार में पुनः चुनाव होने जा रहा है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बार जो भी समिति बनेगी वह बार और अधिवक्ताओं के हितों का पूरा ख्याल रखेगी. श्री गोस्वामी ने कहा कि संभवत वे भी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन करेंगे.

Web Title : ADVOCACY ADVOCATES WILL BE ABLE TO VOTE