झरिया : चैती नवरात्र के षष्टी के दिन बुधवार की शाम झरिया के आमला पाड़ा दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा के छठे रुप मां कल्याणी की पूजा अर्चना की गयी. इसके पूर्व मां का पट खोला गया.
इसके कारण पूरे मंदिर प्रांगण में भक्तिमय वातावरण उत्पन्न हो गया.
बांगला परिवार की महिलाएं मां दुर्गा के आगमन व पट खुलने पर शंख बजा कर पूरे माहौल को भक्तिमय बनाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी.
मां दुर्गा के छठे रुप मां कल्यानी की सवारी सिंह है. जिस पर सवार होकर मां षष्टी के दिन नवरात्रा में पहुंची.
मां कल्याणी एक हाथ में कमल पुष्प और दूसरे हाथ में कार्तिकेय को गोद में लिए हुए है.
इसी रुप में माता ने तारकासूर का वध किया था. षष्ठी को बेलवरण के साथ ही मां दुर्गा पूजा की प्रारंभ हो गई.
श्रद्धालुगण मां दुर्गा की अराधना में लिन हो गये. संध्या छ: बजे से देवी को बोधन, आमंत्रण, कल्पारंभ एवं अधिवास सहित अन्य अनुष्ठान के साथ पूजा अर्चना की गयी.
इसके बाद आरती व प्रसाद का वितरण किया गया. गुरुवार महासप्तमी को नवपत्रिका का प्रवेश होगी. सुबह आनंद भवन तालाब से कलश में जल भरकर लाया जायेगा.
पूजा के बाद मंदिर में कलश स्थापना की जायेगी. आमलापाड़ा में चैती दुर्गापूजा 43 वर्षों से हो रही है.
आज भी मां दुर्गा की पूजा धूमधाम से मनायी जा रही है. चंड़ी पाठ के मंत्रोच्चारण शुरु होने पर बंगाली परिवार के लोगों की उपस्थिति मंदिर में काफी रहती है.
इस मंदिर में यह 43 वें वर्ष बासंती दुर्गापूजा मनाया जा रहा है. मंदिर के पुजारी दयामय बनर्जी ने बताया की यहां वर्ष 1973 में स्व. तारा पदो बनर्जी को मां दुर्गा का आर्शीवाद प्राप्त हुआ था. स्व. बनर्जी के कहने पर आमलापाडा निवासी लाल बाबा ने पूजा करना शुरू किये थे.
1973 में वरुण चंद मोदक, महावीर अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, सत्यनारायण दे, गोपाल चंद्र सेन ने मिलकर पूजा प्रारंभ करायी थी. इसके बाद से लगातार पूजा हो रही है. पुजारी ने बताया कि बंगाली पंचांड्ग के अनुसार बेलवरण के दिन से पूजा प्रारंभ होती है.
वर्तमान में संयोजक वरुण चंद्र मोदक, संरक्षक वार्ड पार्षद कृष्णा अग्रवाल, हराधन दास, पवन खरकिया, सुभाष दत्ता, मिठू दत्ता, जगरनाथ मोदक, गणेश धीवर, कुणाल बक्सी, मोंटी अग्रवाल, उत्तम सेन, अशोक सेन,विक्की अग्रवाल, प्रिंस अग्रवाल, प्रवीन गोप, टोटन चौधरी आदि पूजा आयोजन कर रहे है.